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ICC टेस्ट रैंकिंग में शमी ने उड़ाया गर्दा, बुमराह ने लगाई लंबी छलांग, कोहली-जडेजा को लगा तगड़ा झटका

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टीम इंडिया ने हाल ही में श्रीलंका को 2-0 शिकस्त दी. ऋषभ पन्त को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. सीरीज में बुमराह ने कमाल की गेंदबाजी की. जसप्रीत बुमराह और श्रीलंकाई कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने जारी हालिया आईसीसी टेस्ट रैंकिंग (ICC Test Ranking) में खासी प्रगति की है.

इंडिया बनाम श्रीलंका सीरीज में अच्छे प्रदर्शन का इनाम दोनों को रैंकिंग में मिला है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली बल्लेबाजों की रैंकिंग में फिसल गए हैं. वहीं हरफनमौला खिलाड़ी जडेजा से भी नंबर 1 की कुर्सी छीन गयी है.

आपको बता दें बुमराह ने दो टेस्ट मैचों की इस सीरीज में आठ विकेट लिए थे. तेज गेंदबाज बुमराह गेंदबाजों की रैंकिंग में छह पायदान की छलांग लगाते हुए चौथे पायदान पर पहुंच गए हैं. वहीं, शमी एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए 17वें नंबर पर आ गए हैं.

टेस्ट रैंकिंग में अश्विन ने अपनी नंबर दो पोजीशन बरकरार रखी है. श्रीलंकाई कप्तान दिमुथ करुणात्ने ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रैंकिंग में पांचवां स्थान हासिल कर लिया है.

ImageImageImageश्रीलंकाई कप्तान करुणारत्ने ने बेंगलुरु में 107 रन की पारी खेली थी. हालांकि, भारतीय पूर्व कप्तान विराट कोहली नंबर चार से फिसलकर अब दुनिया के नंबर-नौ बल्लेबाज हैं. ऐसे में बाबर आजम कोहली को पछाड़ सकते हैं.

रिजवान ने ठोका बेमिसाल शतक, पाक ने चौथी पारी में बनाया रिकॉर्ड स्कोर, टूटने से बचा भारत का धांसू रिकॉर्ड

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पाकिस्तान ने असंभव को संभव कर दिखाने वाले अंदाज में 172 ओवर बैटिंग कर मैच बचा लिया है. ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान पाकिस्तान को जीत के लिए 506 रन का लक्ष्य दिया था. यह ऐसा लक्ष्य था, जो 145 साल के क्रिकेट इतिहास में कोई टीम हासिल नहीं कर सकी थी. उम्मीद की जा रही थी कि ऑस्ट्रेलिया यह मैच जीत लेगा. ऑस्ट्रेलिया के पास पाकिस्तान को आउट करने के लिए 172 ओवर भी थे. लेकिन पाकिस्तान की दिलेर बैटिंग ने ऑस्ट्रेलिया के मुंह से तकरीबन तय जीत छीन ली. पाकिस्तान यह मैच जीत नहीं सका. उसने इसे ड्रॉ कराया. लेकिन किसी भी टीम के प्रशंसकों के लिए ऐसे ड्रॉ किसी जीत से कम नहीं हैं.

पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने इस पहाड़काय लक्ष्य से मुकाबला करने के लिए टीम का नेतृत्व किया. उन्होंने 196 रन की बेमिसाल पारी खेली. बाबर ने ओपनर अब्दुल्लाह शफीक के साथ 208 रन की साझेदारी कर साथियों को यह हौसला दिया कि मैच ड्रॉ कराया जा सकता है. इसके बाद पाकिस्तान के स्टार विकेटकीपर विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान ने शतक लगाकर टीम को सुरक्षित मुकाम तक पहुंचाया. रिजवान ने 177 गेंदो पर नाबाद 104 रन बनाए.

टूटे कई सारे रिकॉर्ड
बाबर आज़म ने 196 रनों की मैराथन पारी खेली. पाकिस्तान के लिए किसी टेस्ट मैच की चौथी पारी में ये सबसे बड़ा स्कोर है. इससे पहले यह रिकॉर्ड युनूस खान के नाम था, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 171 रनों की पारी खेली थी.

बाबर आजम अपने दोहरे शतक से सिर्फ चार रन से चूक गए. अगर ये चार रन बन जाते तो बाबर आजम किसी भी टेस्ट की चौथी पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के सातवें खिलाड़ी होते. अभी तक कोई भी पाकिस्तानी ऐसा कारनामा नहीं कर पाया है.

बाबर आज़म 70 साल के इतिहास में ऐसे पहले कप्तान बन गए हैं जिन्होने टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में शतक बनाया है.

बाबर आज़म टेस्ट क्रिकेट के 145 साल के इतिहास में चौथी पारी में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले कप्तान बन गए हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के मिशेल एथर्टेन (185) के नाम था. जिन्होने 1995 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ यह स्कोर बनाया था.

भारतीय टीम का चौथी पारी में सबसे अधिक स्कोर 445 रन है. भारतीय टीम ने यह स्कोर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1978 में बनाया था. ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए इस मैच में भारत को जीत के लिए 493 रन का लक्ष्य दिया था. भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 6 विकेट पर 415 रन बना लिए थे. तब लग रहा था कि या तो भारत यह मैच जीत लेगा या ड्रॉ करा लेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऑस्ट्रेलिया ने भारत के आखिरी 4 विकेट जल्दी-जल्दी झटककर मैच अपने नाम कर लिया.

पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के जबड़े से छीनी जीत, बाबर आज़म ने खेली टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी पारी

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पाकिस्तान ने असंभव को संभव कर दिखाने वाले अंदाज में 172 ओवर बैटिंग कर मैच बचा लिया है. ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान पाकिस्तान को जीत के लिए 506 रन का लक्ष्य दिया था. यह ऐसा लक्ष्य था, जो 145 साल के क्रिकेट इतिहास में कोई टीम हासिल नहीं कर सकी थी. उम्मीद की जा रही थी कि ऑस्ट्रेलिया यह मैच जीत लेगा. ऑस्ट्रेलिया के पास पाकिस्तान को आउट करने के लिए 172 ओवर भी थे. लेकिन पाकिस्तान की दिलेर बैटिंग ने ऑस्ट्रेलिया के मुंह से तकरीबन तय जीत छीन ली. पाकिस्तान यह मैच जीत नहीं सका. उसने इसे ड्रॉ कराया. लेकिन किसी भी टीम के प्रशंसकों के लिए ऐसे ड्रॉ किसी जीत से कम नहीं हैं.

पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने इस पहाड़काय लक्ष्य से मुकाबला करने के लिए टीम का नेतृत्व किया. उन्होंने 196 रन की बेमिसाल पारी खेली. बाबर ने ओपनर अब्दुल्लाह शफीक के साथ 208 रन की साझेदारी कर साथियों को यह हौसला दिया कि मैच ड्रॉ कराया जा सकता है. इसके बाद पाकिस्तान के स्टार विकेटकीपर विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान ने शतक लगाकर टीम को सुरक्षित मुकाम तक पहुंचाया. रिजवान ने 177 गेंदो पर नाबाद 104 रन बनाए.

टूटे कई सारे रिकॉर्ड
बाबर आज़म ने 196 रनों की मैराथन पारी खेली. पाकिस्तान के लिए किसी टेस्ट मैच की चौथी पारी में ये सबसे बड़ा स्कोर है. इससे पहले यह रिकॉर्ड युनूस खान के नाम था, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 171 रनों की पारी खेली थी.

बाबर आजम अपने दोहरे शतक से सिर्फ चार रन से चूक गए. अगर ये चार रन बन जाते तो बाबर आजम किसी भी टेस्ट की चौथी पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के सातवें खिलाड़ी होते. अभी तक कोई भी पाकिस्तानी ऐसा कारनामा नहीं कर पाया है.

बाबर आज़म 70 साल के इतिहास में ऐसे पहले कप्तान बन गए हैं जिन्होने टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में शतक बनाया है.

बाबर आज़म टेस्ट क्रिकेट के 145 साल के इतिहास में चौथी पारी में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले कप्तान बन गए हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के मिशेल एथर्टेन (185) के नाम था. जिन्होने 1995 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ यह स्कोर बनाया था.

बाबर आज़म दोहरे शतक से चूके, 145 साल के इतिहास में ऐसे पहले खिलाड़ी बने, कोहली-रोहित को पछाड़ा

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कराची टेस्ट के आखिरी दिन बाबर आज़म दोहरे शतक से चूक गए. उन्होने एक छोर पर जमकर बल्लेबाजी करते हुए 196 रन की मैराथन पारी खेली. वह अपना पहला दोहरा शतक बनाने से 4 रन दूर रह गए. लेकिन उनकी इस पारी ने ऑस्ट्रेलिया को जीत से महरूम कर दिया. बाबर आजम अपने ऐतिहासिक दोहरे शतक से चूक गए, लेकिन ये पारी उनके करियर के लिए एक नया कीर्तिमान साबित हुई.

ऑस्ट्रेलिया की जीत में रोड़ा बने बाबर
कप्तान बाबर आज़म ने एक छोर का संभालते हुए 196 रन बनाए. इस दौरान बाबर आजम ने 21 चौके लगाए और एक छक्का भी जड़ा. जब वह शतक से 4 रन दूर थे तब वह लाबुशेन को कैच दे बैठे. वह नाथन लियोन की गेंद पर आउट हुए. बाबर का यह टेस्ट में सबसे बड़ा स्कोर है. उन्होने इस दौरान 425 गेंदों का सामना किया. बाबर ने शफीक के साथ तीसरे विकेट के लिए 228 रन जोड़े. इसके बाद उन्होने रिजवान के साथ पांचवे विकेट के लिए 115 रन जोड़े.

तोड़े कई सारे रिकॉर्ड
एक वक्त पर नामुमकिन लग रहे लक्ष्य को बाबर आजम की बल्लेबाजी ने करीब ला दिया, उनकी और अब्दुल्ला शफीक की 228 रनों की साझेदारी ने मैच बचाने और जिताने की कोशिश की. पाकिस्तान के लिए किसी टेस्ट मैच की चौथी पारी में ये सबसे बड़ा स्कोर है. इससे पहले यह रिकॉर्ड युनूस खान के नाम था, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 171 रनों की पारी खेली थी.

पाकिस्तान के लिए चौथी पारी में सबसे ज्यादा रन
• बाबर आजम- 196 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2022
• युनूस खान- 171* बनाम श्रीलंका, 2015
• सलीम मलिक- 155 बनाम श्रीलंका, 1997

बाबर आजम का टेस्ट करियर-
• 39 टेस्ट, 69 पारी, 2729 रन
• औसत 45.48, शतक 6, अर्धशतक 19

बाबर आजम अपने दोहरे शतक से सिर्फ चार रन से चूक गए. अगर ये चार रन बन जाते तो बाबर आजम किसी भी टेस्ट की चौथी पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के सातवें खिलाड़ी होते. अभी तक कोई भी पाकिस्तानी ऐसा कारनामा नहीं कर पाया है. हांलकी बाबर टेस्ट क्रिकेट के 145 साल के इतिहास में चौथी पारी में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले कप्तान बना गए हैं.Image

बाबर आज़म 70 साल के इतिहास में ऐसे पहले कप्तान बन गए हैं जिन्होने टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में शतक बनाया है. इसके अलावा उन्होने टेस्ट चैंम्पियनशिप में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में विराट कोहली और रोहित शर्मा को पीछे छोड़ दिया.

ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 506 रनों का टारगेट दिया था. पाकिस्तान के सामने दो दिनों का वक्त था मैच बचाने के लिए जिसके लिए बाबर आजम और अब्दुल्ला शफीक़ की जोड़ी ने जान लगा दी. दोनों के बीच 524 बॉल में 228 रनों की साझेदारी हुई. बाबर ने उसके बाद मोहम्मद रिजवान के साथ भी 248 बॉल पर 115 रनों की साझेदारी की.

बेहद गरीब परिवार से आने वाले ये 5 क्रिकेटर्स पहुंचे हैं कामयाबी के शिखर पर, कभी-कभी नहीं मिलता थी दो वक्त की रोटी

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आप सभी हमारे भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के बारे में तो जानते ही होंगे। ये खिलाड़ी हमेशा अपने खेल और अपनी निजी जिंदगी को लेकर चर्चा में रहते हैं। दोस्तों भारतीय क्रिकेट टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो गरीबी के बीच बड़े हुए हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने जीवन में बहुत कठिनाइयाँ और संघर्ष किए हैं। आज हम आपको उन 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में।

Pathan Brother Donates 10,000 Kg Rice In Fight Against Coronavirus Pandemic  | Coronavirus: पठान बंधुओं की सराहनीय पहल, 10 हजार किलो चावल दान दिएइरफ़ान पठान

भारत के लिए सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज इरफान पठान का जन्म 27 अक्टूबर 1984 को गुजरात के बड़ौदा में एक गरीब परिवार में हुआ. इनके पिता महमूद पठान मस्जिद में मुअज्ज़िन का कार्य करते थे. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. मस्जिद के पीछे बने एक छोटे से कमरे में इरफान का बचपना गुजरा.

गरीब माता-पिता अपने बेटे को पढ़ा लिखाकर एक इस्लामिक इस्कॉलर बनाना चाहते थे. लेकिन, इरफान ने अपनी दुनिया कहीं और ढूंढ ली थी. उन्हें बचपन से ही क्रिकेट का जुनून था. पहले परिवार से छुप-छुपाकर क्रिकेट खेलने जाते. बाद में जब परिजनों ने अपने काबिल बच्चे की क्रिकेट के लिए उसकी लगन और मेहनत देखी तो मना नहीं कर सके.

गरीब पिता ने फिर बेटे के लिए जो बन आया वह किया. इरफान भी अपना पूरा फोकस क्रिकेट पर करने लगे. लगातार 6-6 घंटे तक चिलचिलाती धूप में उन्होंने जमकर पसीना बहाया. उनके जुनून के सामने गरीबी भी रुकावट नहीं बन सकी. इरफान बता चुके हैं कि उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वे और उनके भाई युसूफ नए क्रिकेट किट खरीद सके.

इसके लिए उन्होंने सालों सेकेंड हैंड क्रिकेट किट का इस्तेमाल किया. लेकिन उनके हाथ में नई गेंद बल्लेबाजों के लिए घातक रूप ले लेती थी. तब उन्हें भी शायद नहीं पता रहा होगा कि भविष्य में यह स्विंग होती नई गेंद इतिहास में दर्ज हो जाएगी.

दोहरा शतक पूरा करने पर शमी को आई पिता की याद, नम आंखों से सुनाई संघर्ष की  दास्तान... - भारत दुनियामोहम्मद शमी

अमरोहा में गरीब किसान के घर में जन्मे मोहम्मद शमी बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौकीन थे. उनके पिता ने जब अपने बेटे को तेज गेंदबाजी करते देखा तो वो उसके कायल हो गए. शमी जब 15 साल के थे तो पिता ने उन्हें मुरादाबाद क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा. कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी भी शमी की तेज-तर्रार गेंदों को देख दंग रह गए. कोच बदरुद्दीन उन्हें यूपी की अंडर-19 क्रिकेट टीम ट्रायल में ले गए जहां शमी का चयन नहीं हुआ. इस नाकामी के बाद कोच बदरुद्दीन ने उन्हें कोलकाता जाने की सलाह दी.

शमी कोलकाता के डलहौजी क्लब से खेलने लगे और वहां बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अधिकारी ने उन्हें गेंदबाजी करते देखा. शमी को मोहन बागान क्लब भेजा गया जहां सौरव गांगुली ने उनकी गेंदबाजी देखी. दादा ने शमी का टैलेंट पहचान लिया और उन्होंने सेलेक्टर्स को शमी पर खास नजर रखने के लिए कहा. इसके बाद शमी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज ये तेज गेंदबाज टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट पूरे कर चुका है.

 

रवींद्र जडेजा।

RAVINDRA JADEJA

रवींद्र जडेजा को आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में रवींद्र की बड़ी भूमिका है और उनकी लोकप्रियता भी काफी ज्यादा है। लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं कि रवींद्र का बचपन गरीबी में बीता। उसके पिता एक सिक्युरिटी गार्ड थे और उसकी माँ एक नर्स थी। वह सरकारी क्वार्टर में रहते  था। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों और संघर्षों के माध्यम से सफलता हासिल की है।

एमएस धोनी।

MS DHONI

इस सूची में दूसरे स्थान पर एक प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी हैं। एमएस धोनी को कौन नहीं जानता। न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी उनकी लोकप्रियता बहुत अधिक है। एमएस भी अपने जीवन में काफी कठिनाइयों और संघर्षों से गुजरा है। आपने उनकी बायोपिक ‘एमएस धोनी’ तो देखी ही होगी. उनके पिता पिच क्यूरेटर थे और एमएस टिकट कलेक्टर के रूप में भी काम करते थे। उन्हें अपने जीवन में इतनी सफलता मिली है कि उन्होंने इतना संघर्ष किया है।

भुवनेश्वर कुमार।

BHUBANESWAR KUMAR

तीसरे नंबर पर भुवनेश्वर कुमार हैं। उत्तर प्रदेश के एक गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने एक साक्षात्कार में अपने संघर्ष का खुलासा किया। एक समय उनके पास क्रिकेट खेलने के लिए अच्छे जूते नहीं थे। उनका बचपन गरीबी में बीता। लेकिन अब उन्होंने दुनिया भर में अपना नाम बना लिया है।

उमेश यादव।

UMESH YADAV

चौथे नंबर पर गेंदबाज उमेश यादव हैं। उमेश के पिता एक कोयला कारखाने में काम करते थे। उनके पिता ने परिवार को सही भोजन उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की। उसके परिवार को दो वक्त का खाना खाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। उमेश ने आज अपने संघर्षों और मुश्किलों से कामयाबी हासिल की है।

हरभजन सिंह।

HARBHANJAN SINGH

सूची में सबसे नीचे भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह हैं। हरभजन सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपना नाम बनाया है और उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है। हालांकि, हरभजन बचपन में गरीबी में रहे और अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने ट्रक ड्राइवर बनने का फैसला किया। हालांकि, अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के कारण वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने में सफल रहे।

पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया के मैच में अचानक हुई इरफान पठान की एंट्री, सलमान बट को याद आया 16 साल पुराना …

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पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी टेस्ट सीरीज़ के दौरान पिच को लेकर काफी विवाद हो रहा है. रावलपिंडी में दोनों टीमों ने पहला मुकाबला खेला, जहां की पिच सिर्फ बल्लेबाजों के लिहाज से बनाई गई थी. हालात ये थे कि पूरे मैच में सिर्फ 14 ही विकेट गिरे थे.

रावलपिंडी के बाद कराची के मैदान में भी ऐसा ही हुआ है, लेकिन अब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सलमान बट्ट ने इसी पर चर्चा करते हुए इरफान पठान की याद दिलाई है.

सलमान बट्ट ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘अगर मेरी टीम में शाहीन, हसन और नसीम शाह जैसे बॉलर हैं, तब मैं उनके लिए कुछ तो पिच में रखूंगा. मेरे पास अब यासिर शाह नहीं है, तो उस जैसे बॉलर की पिच मैं नहीं बनाउंगा. पाकिस्तान के पास अभी मैच विनर स्पिनर्स ही नहीं हैं.’

सलमान बट्ट को आई इरफान पठान की याद
सलमान बट्ट ने इसी दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुई साल 2006 में सीरीज़ की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि कराची में मुझे कभी इतनी स्लो और लो पिच याद नहीं आती है. कराची में ही इरफान पठान ने हैट्रिक ली थी, तब तो यह काफी जिंदा पिच थे. भारत ने रावलपिंडी में जब मैच जीता था, तब भी वह बेहतरीन सीमिंग पिच थी.

आपको बता दें कि इरफान पठान ने मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी, फिर भी भारत उस मैच को हार गया था. इस दौरान इरफान पठान ने सलमान बट्ट, यूनिस खान और मोहम्मद युसूफ को आउट किया था.

पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी ने कहा कि हम लोग बेहतर पिच पर खेलने वाले थे, लेकिन अब चीज़ें बदल गई हैं. हमने कभी पाकिस्तान में इस तरह की स्लो पिच नहीं देखी है.

आपको बता दें कि कराची में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी की और तीन विकेट पर 251 का स्कोर बनाया. ऑस्ट्रेलिया की ओर से उस्मान ख्वाजा ने शतक जड़ा था. मैच के पहले दिन उस्मान ख्वाजा 127 रन बनाकर नाबाद रहे.

साउथ अफ्रीका के इस बल्लेबाज ने मचाया तहलका, एक ओवर में 6 छक्के जड़कर बनाया कीर्तिमान

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दक्षिण अफ्रीका के पूर्व विध्वंसक बल्लेबाज हर्शल गिब्स के लिए 16 मार्च का दिन बेहद खास है. इस दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की, वह काफी खास है. साल 2007 में 50 ओवर के आईसीसी विश्व कप का आयोजन वेस्टइंडीज में किया गया. इसके तहत 16 मार्च 2007 को साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड्स के बीच बस्सेटेरे में मुकाबला खेला गया. यह वही मैच था जिसमें हर्शल गिब्स ने एक ओवर में लगातार 6 छ्क्के जड़कर कीर्तिमान बनाया. इस मुकाबले में गिब्स चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे.

डान वेन बुंगे के ओवर में जड़े 6 छक्के
नीदरलैंड्स के कप्तान लूक वेन ट्रूस्ट ने साउथ अफ्रीका की पारी का 30वां ओवर डान वेन बुंगे से करवाने का फैसला किया. उस समय जैक्स कैलिस 75 और हर्शल गिब्स 32 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे. जब बुंगे ने ओवर की शुरुआत की तो हर्शल गिब्स स्ट्राइक पर थे. ओवर की पहली गेंद गिब्स का लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्का. बुंगे की दूसरी गेंद जो मिडिल और लेग स्टंप पर थी गिब्स ने लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छक्का लगाया.

ओवर की तीसरी गेंद लेकिन परिणाम वही लॉन्ग ऑफ के ऊपर से फिर छ्क्का. चौथी गेंद जो लो फुल टॉस थी इस इस बार गिब्स ने मिड विकेट के ऊपर से छक्का लगाया. लगातार चार छक्के खाने के बाद बुंगे ने दवाब में आते पांचवीं गेंद शॉर्ट फेंकी. लेकिन गिब्स कहां मानने वाले थे उन्होंने इस बार वाइड लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छक्का जड़ दिया. छठी गेंद जो फुल लेंग्थ की थी उसे मिड विकेट के ऊपर से छह रनों के लिए भेज दिया. इस तरह हर्शल गिब्स ने एक ओवर में छह छक्के लगाने का करिश्मा किया. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे पहले एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बने.

साउथ अफ्रीका ने 221 रनों से जीता मैच
दक्षिण अफ्रीका ने इस मैच में पहले बल्ले बल्लेबाजी करते हुए तीन विकेट पर 353 रन बनाए. साउथ अफ्रीका की तरफ से जैक्स कैलिस 128, मार्क बाउचर 75, हर्शल गिब्स 72 और ग्रीम स्मिथ ने 67 रनों की पारी खेली. जीत के लिए 353 रनों का टारगेट हासिल करने उतरी नीदरलैंड्स की टीम 9 विकेट पर 132 रन बना सकी. नीदरलैंड्स की ओर से रेयान टेन डोशाटे ने सबसे ज्यादा 57 रन बनाए.

14 साल बाद हुई रिकॉर्ड की बराबरी
हर्शल गिब्स के नाम यह रिकॉर्ड करीब 14 साल रहा. बीते साल सितंबर 2021 में यूएसए टीम के बल्लेबाज जसकरन मलहोत्रा ने वनडे मैच में पपुआ न्यूगिनी के खिलाफ गौडी टोका के एक ओवर में लगातार छह छक्के लगाए थे. कुल मिलाकर गिब्स और जसकरन ऐसे दो अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी ओवर में 6 छक्के लगाए हैं.

इंटरनेशनल क्रिकेट में एक ओवर में 6 छक्के मारने वाले खिलाड़ी
हर्शल गिब्स और जसकरन मल्होत्रा के बाद युवराज सिंह और कीरोन पोलार्ड ऐसे दो क्रिकेटर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक ओवर में छह छक्के लगाने का करिश्मा किया. साल 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए टी-20 विश्व कप में युवराज सिंह ने इंग्लैंड के पेसर स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंदों पर लगातार छह छक्के लगाए थे. वहीं, बीते वर्ष कीरोन पोलार्ड ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान श्रीलंका के अकीला धनंजया के एक ओवर में 6 छक्के मारने का रिकॉर्ड बनाया.

बाबर आजम ने खत्म किया सूखा, 70 साल बाद पाक सरजमी पर रचा इतिहास, दोहरा शतक जड़कर….

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कराची में खेले जा रहे सीरीज के दुसरे टेस्ट मैच में पाक ने वापसी की. पाकिस्तान ने ऑस्‍ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ खराब शुरुआत से उबरते हुए दूसरे टेस्‍ट के चौथे दिन 2 विकेट पर 192 रन बना लिए हैं. चौथे दिन का खेल खत्म होने पर बाबर आजम 102 रन और शफीक 71 रन बनाकर क्रीज पर टिके हुए है.

लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान टीम ने 21 रन पर ही दो विकेट गंवा दिए थे. आपको बता दें ऑस्‍ट्रेलिया ने 9 विकेट पर 556 रन पर अपनी पहली पारी घोषित की थी. जवाब में पाकिस्‍तान की पहली पारी 148 रन पर ही पवेलियन लौट गयी थी. ऑस्‍ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 97 रन बनाकर अपनी दूसरी पारी घोषित की.

मैच को जीतने के लिए पाकिस्तान को अब भी 314 रन की जरूरत है. वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम को मैच के आखिरी दिन 8 विकेट की जरूरत है. बाबर आजम पाकिस्तान के 70 साल के टेस्ट इतिहास में पाक सरजमी पर चौथी पारी में शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बन गये हैं.

Imageवहीं चौथी पारी में शतक जड़ने वाले दुसरे पाकिस्तानी बल्लेबाज हैं. इनसे पहले 2007 में युनुस खान ने भारत के विरुद्ध कोलकाता में शतक जड़ा था.

दोहरा शतक जड़कर रच सकते हैं इतिहास

अगर बाबर आजम दोहरा शतक बना देते हैं तो वह चौथी पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले पाकिस्तान के पहले बल्लेबाज बन जायेंगे. आपको बता दें बाबर आजम ने अपना पिछला टेस्‍ट शतक फरवरी 2020 में बांग्‍लादेश के खिलाफ जड़ा था.

कौन तोड़ेगा आईपीएल में शोएब अख्तर का महारिकॉर्ड, पिछले 14 साल से है अटूट

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आईपीएल का आगाज जल्द ही होने वाला है. आईपीएल में इस बार टीमों की संख्या में इजाफा हुआ है. आईपीएल 2022 में कुछ नये नियम भी लागू हुए हैं. आईपीएल में पाकिस्तान के क्रिकेटर्स भी हिस्सा ले चुके हैं. आईपीएल के शुरुआती दौर में कई पाक क्रिकेटर्स ने धूम मचाई.

पाकिस्तान के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में से एक शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने साल 2008 में आईपीएल खेला. शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने आईपीएल के पहले संस्करण (IPL-1) के दौरान अपना पहला मैच कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की ओर से खेला. शोएब अख्तर ने इस मैच में अपनी बेहतरीन बॉलिंग का नजारा पेश किया.

शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने दिल्ली डेयरडेविल्स (दिल्ली कैपिटल्स) के खिलाफ 11 रन देकर 4 विकेट चटकाए थे. इस तरह से अख्तर ने डेब्यू आईपीएल मुकाबले में अपनी छाप छोड़ी थी. शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की तरफ से डेब्यू मैच में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.

कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की तरफ से पिछले 14 साल में कोई इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ सका है. वहीं आईपीएल में डेब्यू मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड जोसेफ के नाम है. आईपीएल 2019 में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ ने चमत्कारी स्पेल डाल टीम को जीत दिलाई थी.

CT Flashback: Shoaib Akhtar destroys Delhi Daredevils with his fiery spell  of 4/116 अप्रैल को खेले गए इस मैच में मुंबई का बल्लेबाजी विभाग कुछ खास नहीं कर पाया. मुंबई की टीम सनराइजर्ज हैदराबाद के सामने महज़ 137 रनों की चुनौती रखी. इसके बाद वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ ने मुंबई इंडियंस की तरफ से गेंदबाजी करते हुए नया इतिहास रच दिया.

जोसेफ ने अपने चार ओवर के स्पेल में महज़ 12 रन देकर 6 विकेट हासिल किये. इस तरह से डेब्यू मैच में सर्वाधिक विकेट और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़े का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. जोसेफ की लाजवाब गेंदबाजी की बदौलत मुंबई ने 136 रन बनाने के बावजूद 40 रनों से जीत हासिल की थी.

रोनाल्डो ने रमजान के लिए गाजा को $1.5 मिलियन का दिया दान, अपने गोल्डन बूट किये नीलाम

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नई दिल्ली: पुर्तगाली फुटबॉल स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने कथित तौर पर रमजान के पवित्र महीने के दौरान गाजा पट्टी पर भूखे लोगों को खिलाने में मदद करने के लिए 1.5 मिलियन डॉलर (£ 1.18 मी) दान किए।

https://twitter.com/onwa_dan/status/1129093986310918145

फ़ुटबॉल खिलाड़ी हमेशा फिलिस्तीनी के करीब रहा है और कई अवसरों पर, सार्वजनिक रूप से फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल के अत्याचारों की निंदा की है। उन्होंने इससे पहले भी चैरिटी में बड़ा योगदान दिया है।

2012 में, रोनाल्डो ने फिलिस्तीन के बच्चों का समर्थन करने के लिए यूरोपीय गोल्डन बूट की नीलामी की जो उन्होंने 2011 में जीता था। इससे उन्होंने 1.5 मिलियन यूरो जुटाए।

अगले वर्ष, मार्च 2013 में, पुर्तगाल और इजरायल के बीच विश्व कप क्वालीफायर के बाद एक इजरायली खिलाड़ी के साथ उन्होंने टी-शर्ट को स्वाइप करने से इनकार कर दिया।

रोनाल्डो को विश्व खेल में सबसे उदार और धर्मार्थ एथलीटों में से एक के रूप में जाना जाता है जो महान कारणों के लिए धन दान करना पसंद करते हैं। पुर्तगाली आइकन को “विश्व का सबसे धर्मार्थ स्पोर्ट्सपर्सन” नाम दिया गया था।