भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद सिराज का कहानी इमोशनल करने वाली है.
इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में 8 विकेट लेकर मोहम्मज सिराज ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होने दमदार प्रदर्शन करके सबको चौंका दिया था.
क्रिकेट के मैदान पर सफलता के झंडे गाड़ने वाले मोहम्मद सिराज की जिंदगी की कहानी भावनाओं से भरी है. गरीबी से लड़कर सपनों को सच करना, अपनों को खोने का दर्द, हुनर को मांझने का रोमांच और सर्वोच्च स्तर पर सफलता की खुशी इसमें शामिल है. हालिया प्रकाशित किताब ‘मिशन डॉमिनेशन: एन अनफिनिश्ड क्वेस्ट में सिराज की इसी कहानी का जिक्र है किया गया है. इस किताब को बोरिया और कुशान सरकार ने लिखा है.
किताब के मुताबिक, टीम इंडिया पिछले साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. कोरोना के कारण सभी खिलाड़ियों को होटल में 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया था. इसी दौरान सिराज के पिता मोहम्मद गौस का इंतकाल हो गया था. कोरोना प्रोटोकॉल के कारण टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी उनके गम को साझा करने के लिए उनके कमरे में नहीं जा सकता था.
हालात ऐसे थे कि होटल के हर कमरे के बारे पुलिस का पहरा था. ताकि भारतीय खिलाड़ी किसी भी सूरत में कोरोना नियमों का उल्लंघन न करें. उन पर कैदियों जैसी नजर रखी जा रही थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे वो ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस फैलाने के लिए आए हैं.
इसका नतीजा यह था कि टीम का हर खिलाड़ी पूरे दिन सिराज के साथ वीडियो कॉल के जरिए बात करते थे. सभी इस बात को लेकर घबराए हुए थे कि वो कुछ गलत ना कर ले या अपने आप को नुकसान ना पहुंचा ले. सिर्फ टीम के फिजियो नितिन पटेल को भी उनके कमरे में जाने की इजाजत दी. ऐसे में वही सिराज का दुख बांटते थे.
पिता की मौत के गम के बाद मोहम्मद सिराज ने खुद को संभाला और बॉक्सिंग डे टेस्ट में उन्होने धमाल मचा दिया. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जो लोग सिराज की सफलता को तुक्का समझ रहे थे सिराज ने उन्हे इंग्लैंड में करारा जवाब दिया है.