इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में मोेहम्मद शमी की शानदार बल्लेबाजी ने सबका दिल जीत लिया.
शमी ने ऐसे समय में नाबाद 56 रन की पारी खेली जब मैच भारतीय टीम के हाथों से निकल चुका था. शमी ने बुमराह (34) के साथ मिलकर 89 रनों की अटूट साझेदारी की. आपको जानकर हैरानी होगी की अपनी लाइन और लेंथ से उन्होंने दुनिया भर के बल्लेबाजों की नाक में दम कर करने मोहम्मद शमी गेंदबाज नहीं बल्कि बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते थे.
बतौर बल्लेबाज किया क्रिकेट में आगाज
आज हम आपकों बताएंगे कि इस तेज गेंदबाज में आखिर क्रिकेट खेलने का जूनून छाया कैसे. भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने हाल में अपनी पुरानी ताजा की हैं. जिसके बाद उन्होंने कहा कि क्रिकेट में उनकी शुरुआत एक बल्लेबाज के तौर पर हुई थी.
उन्हें सीजन बॉल से बहुत डर लगता था जिसके कारण वो टेनिस बॉल से ही क्रिकेट खेलते थे. उनके बड़े भाई हसीब जिला स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलते थे. एक बार उनकी टीम में एक बल्लेबाज कम था. तब भाई के कहने पर मोहम्मद शमी भी उस टीम का हिस्सा बन गए थे. यही नहीं उनके पिता, चाचा और बड़े भाई भी तेज गेंदबाजी करते थे.
टीम के लिए Shami ने लगाए 14 छक्के
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी बताते हैं कि उस दिन भाई की टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने एक बल्लेबाज की हैसियत से खेले थे और अपनी बारी आने पर 14 छक्के लगा दिए थे. शमी का कहना था कि पहली ही गेंद को सीमारेखा के पार भेजने के बाद उनमें आत्मविश्वास बढ़ गया था. जिसके बाद गेंदबाज गेंद डालते गए और शमी गेंदों को सीमारेखा के पार भेजते रहे.
शमी के बड़े भाई हसीब अहमद जो खुद गेंदबाजी करते थे. शमी को खुद से बेहतर तेज गेंदबाज मानते थे. बड़े भाई ने ही शमी से कहा था कि अपने शरीर को खोल कर और हाथों को जगह देकर गेंद को सिर्फ लाइन पर ही रखने की कोशिश करो. भाई की सलाह और भरोसे के बाद ही शमी की गेंदबाजी में निखर आया था.