आईपीएल 2022 का आगाज चंद ही घंटो बाद होने जा रहा है. इस टूर्नामेंट में क्रिकेट, एंटरटेनमेंट, शौहरत और बेशुमार पैसा है. टूर्नामेंट के जरिए बीसीसीआई और टीम मालिक करोड़ो रूपये की कमाई करते हैं. 2008 में शुरू हुई इस लीग की कमाई हर सीजन बढ़ती जा रही है.
ऐसे होती है कमाई
आईपीएल में कमाई तीन तरीकों से होती है. इसमें पहला है सेंट्रल रेवेन्यू. इस कमाई का IPL से होने वाली कुल कमाई में करीब 60-70% हिस्सा है. सेंट्रल रेवेन्यू से कमाई का दो अहम जरिया है-(i) मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और (ii) टाइटल स्पॉन्सरशिप.
आईपीएल की कमाई का दूसरा तरीका है विज्ञापन और प्रमोशनल. इससे 20 से 30 फीसदी कमाई होती है. वहीं तीसरा जरिया है लोकल रेवेन्यू. .जिससे कुल कमाई का करीब 10% इससे आता है. इसमें टिकटों और अन्य चीजों से होने वाली कमाई शामिल होती हैं.
कितनी होती है कमाई
आईपीएल के मीडिया राइट्स इस समय स्टार स्पोर्ट्स के पास है. जिससे हर साल 3,270 करोड़ रूपये की कमाई होती है. वहीं टाइटल स्पोंर्स के जरिय 300 करोड़ रूपये मिलेंगे. इस बार आईपीएल की टाइटल स्पोंसर्स टाटा है. विज्ञापन और प्रमोशन के जरियए प्रत्येक टीम हर साल करीब 50 करोड़ की कमाई करती है. वहीं टिकट के जरिए होने वाली कमाई लगभग 5 करोड़ रूपये है.
कितनी कमाती है एक टीम
अगर टीमों की सेंट्रल, विज्ञापन और लोकल रेवेन्यू से कमाई को जोड़ दें तो पिछले कुछ वर्षों में IPL की हर टीम को सालाना करीब 300 करोड़ रुपए की कमाई हुई है. हालांकि, इस कमाई में से एक बड़ा हिस्सा उन्हें खर्च भी करना पड़ता है. जिसमें खिलाड़ी फीस, ऑपरेशनकास्ट, मैच आयोजन के लिए एसोसिएशन की फीस और कमाई का 20 फीसदी बीसीसीआई को देना होता है.
अब अगर IPL टीमों को हर साल की करीब 300 करोड़ की कमाई में से खर्च यानी करीब 160-165 करोड़ के खर्च को निकाल दें, तो टीमें सालाना करीब 130-140 करोड़ रुपये का फायदा कमाती हैं. अगर प्राइज मनी को भी जोड़ लें, तो IPL की टॉप-4 टीमों का सालाना फायदा 140-150 करोड़ रुपए हो जाता है.
सबसे ज्यादा ब्रैंड बैल्यू
सबसे ज्यादा ब्रैंड वैल्यू मुम्बई इंडियंस की है. मुम्बई की 761 करोड़ रूपये हैं. इसके अलावा सीएसके (611), केकेआर (543), आसीबी (536), एसआरएच(442), दिल्ली कैपिटल (336), पंजाब (318) और राजस्थान की 249 करोड़ रूपये है.
भास्कर से साभार