इंग्लैंड की काउंटी चैंपियनशिप में शनिवार 23 जुलाई का दिन इतिहास में दर्ज हो गया. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में करीब 18 साल बाद किसी बल्लेबाज ने चौहरा शतक लगाने का कारनामा अंजाम दिया. ग्लेमॉर्गन काउंटी टीम के बल्लेबाज सैम नॉर्थईस्ट इंग्लिश काउंटी चैम्पियनशिप डिविजन टू के एक मैच में 410 रनों (नाबाद) की हैरतअंगेज पारी खेलकर अपना नाम दिग्गजों के सूची में लिखवा दिया. विश्व क्रिकेट में यह 11वां मौका है जब किसी बल्लेबाज ने 400 या उससे अधिक की पारी खेली है.
पीछे छूटा लारा का रिकॉर्ड
नॉर्थईस्ट ने प्रथम श्रेणी में इस सदी की सबसे बड़ी पारी खेली है. उन्होंने लारा के नाबाद 400 रन को पीछे छोड़ा है. काउंटी क्रिकेट में चौथी बार किसी बल्लेबाज ने एक पारी में 400 से ज्यादा रन बनाए हैं. नॉर्थईस्ट से पहले ब्रायन लारा, एसी मैक्लारेन और ग्रीम हिक ने ऐसा किया था. लारा के नाम प्रथम श्रेणी में सर्वोच्च स्कोर दर्ज है. उन्होंने वरिकशायर के लिए खेलते हुए डरहम के खिलाफ दो जून 1994 को नाबाद 501 रन बनाए थे. उन्होंने पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद का रिकॉर्ड तोड़ा था. हनीफ ने आठ जनवरी 1959 को कराची के लिए खेलते हुए बहावलपुर के खिलाफ 499 रन बनाए थे.
18 साल बाद बना ये रिकॉर्ड
नॉर्थईस्ट ने ये 410 रन सिर्फ 450 गेंद का सामना करते हुए बनाए, जिसमें 45 चौके और तीन छक्के शामिल थे. मैच के आखिरी दिन नतीजा हासिल करने की उम्मीद में पारी घोषित करने का फैसला लेना पड़ा, जिसके कारण वह महान विंडीज बल्लेबाज ब्रायन लारा के 501 रन (नाबाद) के विश्व रिकॉर्ड को चुनौती नहीं दे पाए. हालांकि, नॉर्थईस्ट ने लारा की लिस्ट में अपना नाम जरूर लिखवा लिया. ये 18 साल बाद पहला मौका है, जब किसी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 400 से ज्यादा का स्कोर बनाया है.
लारा के नाम सबसे बड़ा स्कोर
ब्रायन लारा दो बार 400 रन के आंकड़े को पार करने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं. विल पोंस्फोर्ड ने भी दो बार ऐसा किया है. प्रथम श्रेणी में सर्वोच्च स्कोर ब्रायन लारा के नाम दर्ज है. उन्होने 1994 में 501 रनों की पारी खेली थी. भारत की तरफ से महाराष्ट्र के भाऊसाहेब निंबालकरी ने काठियावाड़ के खिलाफ 1948 में रणजी ट्रॉफी के मैच में नाबाद 443 रन बनाए थे.