Jugal Hansraj : प्यारी-सी आंखों वाले एक्टर जुगल हंसराज तो आपको याद ही होंगे. जुगल पिछले 4 दशक से फिल्म दुनिया का हिस्सा हैं, साल 1983 में आई शेखर कपूर की फिल्म ‘मासूम’ में पहली बार जुगल हंसराज (Jugal Hansraj) एक बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में नजर आए थे।
बॉलीवुड के सुपरस्टार होते जुगल हंसराज, 1 साथ मिली थी 40 फिल्में
उन्होंने ‘कर्म’ (1986) और ‘सल्तनत’ (1986) जैसी फिल्मों में भी एक बाल कलाकार के रूप में अपना करिअर जारी रखा, बाद वह एक बच्चे के रूप में कई विज्ञापनों में भी नजर आए, लेकिन बॉलीवुड में उनकी असली जर्नी साल 1994 में शुरू हुई, जब वह फिल्म ‘आ गले लग जा’ में एक लीड हीरो के रूप में नजर आए।
पहचान तो पहली से ही इंडस्ट्री में उनकी बनी हुई थी और जब लीड एक्टर के रूप में उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू किया तो वह हर तरफ छा गए, दर्शकों का भी उन्हें भरपूर प्यार मिला, उसके बाद 1996 में आई फिल्म ‘पापा कहते हैं’ ने एक्टर के करिअर को और ऊंची दी, फिर तो उनकी गाड़ी बॉलीवुड की पटरी पर चलनी शुरू हो गई।
उसके बाद मोहब्बतें (2000), कभी खुशी कभी गम (2001) और सलाम नमस्ते (2005) जैसी फिल्मों से वह देखते ही देखते इंडस्ट्री में छा गए।
सभी को ऐसा लग रहा था कि जुगल बॉलीवुड के अगले सुपरस्टार बनकर उभरेंगे, लेकिन अचानक से उनकी किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि वह फिल्मों से ही दूर होते चले गए और बॉलीवुड का एक चमकता सितारा पर्दे से ऐसे गायब हुआ, जिसकी किसी ने कभी कोई कल्पना भी नहीं होगी।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पर्दे से उस वक्त वह कहीं गायब नहीं हुए थे, बल्कि वो उस वक्त उन फिल्मों की शूटिंग में बिजी थे, जिसने उनके करिअर को बर्बाद कर दिया।
दरअसल, एक के बाद एक हिट फिल्म देने की वजह से फिल्म मेकर्स के बीच जुगल को साइन करवाने की होड़ मची हुई थी, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस वक्त उनके पास 40 फिल्में आ गईं, वो भी एक से बढ़कर एक डायरेक्टर और प्रोड्यूसर की फिल्में… और जुगल उन्हीं फिल्मों में लगातार काम करने लगे, जिसकी वजह से वह पर्दे से दूर हो गए।
लेकिन जिन (Jugal Hansraj) 40 फिल्मों की शूटिंग में वह बिजी रहे, उसमें से 35 फिल्में तो बन ही सकी और कुछ फिल्में आधी में ही रुक गए और कुछ शूटिंग के आखिरी पड़ाव जाकर बंद बस्ते में चली गई, और कुछ फिल्में शुरू ही नहीं हो पाई।