नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) और रत्ना पाठक (Ratna Pathak) ने जब शादी की तो उन्होंने कोई रस्म-रिवाज नहीं किए थे।
नसीर की मां रत्ना पाठक से शादी के लिए कभी न तो नहीं कही थीं, लेकिन उन्होंने नसीर से पूछा था कि वह क्या रत्ना धर्म परिवर्तन करेगी? तब नसीर ने जानिए क्या जवाब दिया था, चलिए नसीरुद्दीन शाह अपनी आत्मकथा ‘और फिर एक दिन’ (And then one day) से जानें।
नसीर, रत्ना पाठक से शादी करने से पहले तलकाशुदा और एक बेटी हीबा के पिता था। यह जानते हुए भी रत्ना उन्हें अपना पति चुन रही थीं।
नसीर ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि उनकी पहली पत्नी परवीन मुराद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे तब उनका अफेयर शुरू हुआ था।
परवीन पाकिस्तानी थीं और स्टूडेंट विजा पर इंडिया आई थीं और जब उनका स्टूडेंट वीजा खत्म होने लगा तो उनको भारत छोड़ने की नोटिस मिल गई।
नसीर बताते हैं कि परवीन भारत छोड़कर नहीं जाना चाहती थीं और वह परवीन को खुद से दूर नहीं करना चाहते थे और भारत में रोकने का एक ही रास्ता था, उनसे शादी करना।
नसीर ने बताया था कि अपनी मोहब्बत को भारत में रोकने के लिए उनसे शादी करने का फ़ैसला कर लिया था, लेकिन बाद में ये शादी चल नहीं सकी।
नसीरुद्दीन शाह ने बताया कि जब वह पहली बार जब अम्मी से इस बात का ज़िक्र किया था कि वह एक हिंदू लड़की से शादी करने का इरादा कर रहे हैं तो उन्होंने पूछा कि तुमने क्या उसको इस्लाम क़ुबूल करने को कहा है, क्या वह इस्लाम क़ुबूल करने पर तैयार है?
नसीर ने कहा कि तब उन्होंने अपनी अम्मी से साफ कहा था कि वह रत्ना को इस्लाम क़ुबूल करने को बिल्कुल नहीं बोलेंगे। उनके जवाब से उनकी मां काफी देर तक सिर हिलाती रहीं और बाद में उन्होंने खुलकर तो नहीं लेकिन मौन सहमति की दे दी थी।
नसीर ने बताया था कि दोनों अपनी शादी बेहद अनोखे तरीके से की थी। न निकाह पढ़ी गई थी न सात फेरे लिए गए थे।