इंग्लिश क्रिकेटर मोईन अली और आदिल राशिद हांलही में अपनी हज यात्रा पूरी करके लौटे हैं. इस दौरान इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इयोन मॉर्गन ने मुईन अली और आदिल रशीद से उनके मज़हब के हवाले से बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होने इस्लाम और हज से सम्बधित कई सवाल पूछे. मुईन अली और आदिल रशीद को कई बार देखा गया है कि वो इस्लाम के चलते कई ऐसे कामों को अंजाम नहीं देते जिनकी इजाज़त उनका मज़हब नहीं देता.
“सबसे ज्यादा अहम मज़हब”
पूर्व कप्तान इयोन मॉर्गन ने मुईन अली से सवाल किया कि आप हाल ही में हज करके आए हैं. आपके लिए मज़हब की हैसियत क्या है? सवाल के जवाब में ऑलाउंडर मुईन अली ने कहा कि मेरे लिए मज़हब बहुत कुछ है. यह मेरे लिए सब कुछ है और सबसे पहली चीज है. ना सिर्फ मेरे बल्कि मेरे परिवार के लिए भी मज़हब बहुत ज्यादा अहम है. उन्होंने आगे कहा कि हमने अपनी जिंदगी में मज़हब को रोजमर्रा की बुनियाद पर अहमियत देते हैं.
“आपका किरदार बदल देता हज”
इसके आगे उन्होंने हज के बारे में बात करते हुए कहा कि जब मैं हज करने गया था तो तकरीबन 40 लाख मुसलमान हज अदा करने आए थे. हज सब्र सिखाता है और जिंदगी कै बदलकर रख देता है. यह साल में एक बार होता है. जिंदगी का कुछ नहीं पता, अगर मौका मिलता है तो जरूर हज करें. मुईन अली ने बताया कि हज आपकी जिंदगी के साथ-साथ आपका किरदार भी तब्दील कर देता है. हज करते वक्त सब एक जैसा लिबास पहनते हैं और अमीर गरीब में कोई फर्क नहीं होता.
रोल मॉडल होते हैं पैगंबर
मुईन अली ने कहा कि जैसे क्रिकेट में क्रिकेटर्स रोल मॉडल होते हैं ठीक वैसे ही मज़हब में पैगंबर रोल मॉडल होते हैं. उन्होंने बताया कि जितना हो सके रोज़ा रखने और नमाज अदा करने की कोशिश करता हूं. वहीं स्पिन आदिल रशीद ने हज के बारे में बात करते हुए बताया कि जो लोग हज करने की क्षमता रखते हैं उन्हें हज करना चाहिए.ली थी.