फर्स्ट क्लास क्रिकेटर इमरान खान जब अपने छोटे भाई मोहसिन खान को कोचिंग के लिए बदरुद्दीन सिद्दीकी के पास लेकर गए, तो कोच को समझ में नहीं आया कि मुरादाबाद के संबल इलाके के इस दुबले और नाटे लड़के को वह क्या सिखाएं. 4 मैचों में 8 विकेट लेकर वही मोहसिन इंडियन प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट में अब जाना-माना नाम बन चुका है. बदरुद्दीन उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर के जाने माने कोचों में से हैं, जिन्होंने मोहम्मद शमी को उनके शुरुआती दिनों में क्रिकेट का ककहरा सिखाया था. बाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) में शामिल हैं. टीम अब तक 10 में से 7 मैच जीत चुकी है.
बदरुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, एक दशक पहले मोहसिन का बड़ा भाई इमरान मेरी एकेडमी में आता था. उस समय तक मोहम्मद शमी कोलकाता चला गया था और रणजी ट्रॉफी खेलता था. उन्होंने कहा कि इमरान ने मुझे बताया कि उसका छोटा भाई क्रिकेट खेलना चाहता है और क्या वह उसे अभ्यास के लिए ला सकता है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में मोहसिन 13 वर्ष के अन्य लड़कों की तरह था, जो कभी-कभी बातें अनसुनी भी कर देता था.
कोच से खानी पड़ी डांट
उन्होंने कहा कि उस उम्र के बच्चे वैसे ही होते हैं. अचानक गेंदबाजी करते हुए वह बल्ला उठा लेता था. मुझसे बहुत डांट खाई, लेकिन 10 साल पहले उसकी कद काठी देखकर मुझे लगा नहीं था कि वह तेज गेंदबाज बनेगा. उन्होंने कहा कि उसका कद एक साल में बढ़ गया और वह छह फुट लंबा हो गया. उसका खेल भी बहुत निखर गया है और उसने पूरे फोकस के साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया. मोहसिन मूल रूप से सफेद गेंद का गेंदबाज था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण 2020 में पहले लॉकडाउन के बाद उसे अमरोहा में मोहम्मद शमी की रिहायशी एकेडमी में गेंदबाजी का मौका मिला.
शमी ने टिप्स भी दिए
मोहम्मद शमी के पास अपने शहर में निजी मैदान है, जहां उन्होंने टर्फ पिचें लगाई हैं. लॉकडाउन के दौरान बदरुद्दीन के साथ वह, उनका छोटा भाई मोहम्मद कैफ और मोहसिन वहां अभ्यास करते थे. बदरुद्दीन ने कहा कि यह काफी छोटा समूह था और मैंने मोहसिन को बुलाया, ताकि वह शमी को देखकर सीख सके. मैं चाहता था कि शमी भी उसे देखे और कुछ सलाह दें. उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि शमी उससे प्रभावित हुआ है और उसे काफी टिप्स दिए. वह अक्सर मोहसिन के बारे में पूछता था. आपने तो उसकी गेंदबाजी देखी है, लेकिन वह इतना ही उम्दा बल्लेबाज भी है.