विश्व कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 37 रनों के स्कोर तक भारत ने अंगऋषि रघुवंशी और हरनूर सिंह का विकेट गंवा दिया था। इसके बाद ढुल (Yash Vijay Dhull) और रशीद ने मिलकर पहले पारी को संभाला और फिर जमकर चौके-छक्के लगाए। रशीद 108 गेंद पर 94 रन बनाकर आउट हुए, वहीं कप्तान ढुल (Yash Vijay Dhull) ने 110 गेंद पर 110 रनों की पारी खेली।
नई दिल्ली के जनकपुरी के रहने वाले यश (Yash Vijay Dhull) के पास दिल्ली की अंडर-16, अंडर-19 और भारत की अंडर-19 टीम का नेतृत्व करने का अनुभव है। बता दें कि यश का जन्म दिल्ली में 11 नवंबर 2002 को हुआ था। इनके पिता का नाम विजय ढुल एवं माता का नाम नीलम ढुल है।
टीम इंडिया की अंडर 19 टीम के कप्तान यश ढुल (Yash Vijay Dhull) सितंबर-अक्टूबर में आयोजित 2021-22 सीजन में वीनू मांकड़ ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में से थे। यश (Yash Vijay Dhull) ने डीडीसीए के लिए खेले गए पांच मैचों में 75.50 की शानदार औसत से 302 रन बनाए।
दाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज (Yash Vijay Dhull) ने 11 साल की उम्र में बाल भवन स्कूल की अकादमी में प्रवेश किया और यहीं से अपने खेल को विकसित किया। यश (Yash Vijay Dhull) के पिता एक कॉस्मेटिक ब्रांड के साथ एक कार्यकारी के रूप में काम करते थे लेकिन अपने बच्चे के करियर को आकार देने के लिए उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी।
हाल ही में एक साक्षात्कार में क्रिकेट के क्षेत्र में उनके रोल मॉडल के बारे में पूछे जाने पर ढुल (Yash Vijay Dhull) ने एक विशेष नाम लेने से परहेज किया। यश (Yash Vijay Dhull) के पिता ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा था कि मुझे यह सुनिश्चित करना था कि उसे (Yash Vijay Dhull) कम उम्र से ही खेलने के लिए सबसे अच्छी किट और गियर मिले। यश ढुल के क्रिकेट का सफर उनके घर की छत से शुरू हुआ था। वह जब छोटे थे तब वह अपने घर के छत पर क्रिकेट खेला करते थे।
मैंने उसे (Yash Vijay Dhull) बेहतरीन इंग्लिश विलो बैट दिए। उनके (Yash Vijay Dhull) पास सिर्फ एक बल्ला नहीं था, मैं उन्हें (Yash Vijay Dhull) अपग्रेड करता रहा। हमने अपने खर्चों में कटौती की थी। मेरे (Yash Vijay Dhull के दादा) पिता एक आर्मी मैन थे। उन्हें जो पेंशन मिलती थी उसका इस्तेमाल घर चलाने में होता था। यश को हमेशा आश्चर्य होता था कि हम इसे कैसे प्रबंधित कर रहे हैं।