टोक्यों ओलंपिक में भारतीय दल द्वारा अभी तक 5 पदक जीते गए हैं.
इसमें 1 पदक हॉकी में मिला है. 41 साल बाद यह पहला मौका है जब भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में पदक जीता हो. इससे पहले 1980 में मॉस्को में खेले गए ओलंपिक में भारतीय टीम ने गोल्ड हासिल किया था.
हॉकी के मैदान पर वैसे तो 11 खिलाड़ी खेलते हैं लेकिन जीत के बाद क्रेडिट पूरी टीम को जाता है. फाइनल मुकाबले में जीत के बाद पूरी टीम को मेडल दिए जाते हैं. जो प्रत्येक खिलाड़ी के जीवन का सबसे अनमोल तोहफा होता है.
आज हम कुछ ऐसे मुस्लिम खिलाड़ियों की बात कर रहे हैं जिन्होने भारतीय हॉकी में टीम में रहकर न केवल शानदार प्रदर्शन किया बल्कि टीम को ओलंपिक में चैम्पियन बनाकर स्वर्ण पदक भी हासिल किया.
1928, स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम
1- फिरोज खान,
2- अली शौकत,
3- सैय्यद युसूफ
1932, स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम
4- सैय्यद ज़फर,
5- मसूद अली खान, 6- मोहम्मद असलम
1936, स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम
7- अली इक्तिदार दारा, 8- मोहम्मद हुसैन, 9- सैय्यद ज़फर, 10- अहमद खान, 11- मिर्जा मसूद, शब्बान सहाबुद्दीन
1948, स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम
12- अख्तर हुसैन, 13- लतीफ उर रहमान,
1964, स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम
14- अली सैय्यद
1968, कांस्य पदक विजेता हॉकी टीम
15- इनाम उऱ रहमान
1980, स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम
16- ज़फर इकबाल, 17- मोहम्मद शाहिद
भारत की ओर से कई मुस्लिम खिलाड़ियों ने ओलंपिक में देश का नेतृत्व किया है. इसमें टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से लेकर धावक मोहम्मद अनस और घुड़सवार फआद मिर्जा शामिल हैं. जिन्होने अच्छा प्रदर्शन कर दिल जीता. लेकिन मेडल जीतने से चूक गए.