यूएई में खेले जा रहे आईसीसी टी20 विश्वकप में मंगलवार को साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए मैच से पहले ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के समर्थन में खिलाड़ियों को घुटने के बल बैठने का निर्देश दिया था जिसे मानने से इनकार करते हुए क्विंटोन डिकॉक ने मैच नहीं खेला.
इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम दो फाड़ नजर आने लगी है. दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर इस मुद्दे पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 विश्व कप के शुरूआती मैच से पहले कुछ खिलाड़ी ‘ घुटने के बल बैठने’ की जगह मुट्ठी उठाकर खड़े थे तो वही कुछ ने अपने हाथ पीछे की ओर पीठ पर रखे थे.
तेज गेंदबाज एनरिच नोर्किया और विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन अपनी पीठ के पीछे हाथ रखकर खड़े थे, यहां तक कि उनके साथियों ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के लिए अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया. मंगलवार को हालांकि यह दोनों खिलाड़ी टीम के बाकी सदस्यों के साथ ‘घुटने के बल बैठे’ थे.
संन्यास की अटकलें
क्विंटन डीकॉक द्वारा मैच में हिस्सा न लेने के बाद साउथ अफ्रीका मैनेजमेंट उनसे काफी नाराज नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि अगर डीकॉक अगले मैचों में इस निर्देश का पालन नहीं करते हैं तो उनका टीम में वापसी करना बेहद मुश्किल हो सकता है. वह संन्यास की घोषणा भी कर सकते हैं.
इसके अलावा दूसरी ओर टीम से बार चल रहे क्रिस मोरिस ने इंटरनेशनल क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया है. वह विश्वकप टीम में नहीं चुने जाने से खफा हैं. ऐसे में वह टी20 लीग में खेलते रहेंगे.
20 साल बैन रह चुकी है साउथ अफ्रीकी
साउथ अफ्रीका टीम 1970 में अश्वेतों के साथ भेदभाव को लेकर बैन हो चुकी है. टीम को 1990 में दोबारा क्रिकेट खेलने का मौका मिला था. ऐसे में साउथ अफ्रीकी टीम में फिर से यह जिन्न जागता है तो आईसीसी बैन कर सकती है.