दूसरी ओर, कुछ लोगों ने अंपायरों के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि अंपायर्स और मैच अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि स्टंप और बेल्स को इतनी कसकर नहीं लगाया गया हो कि वो गेंद लगने के बाद भी ना गिरे ताकि ऐसी असामान्य स्थिति को रोका जा सके.
क्या कहते हैं नियम?
फैंस की राय भले ही अलग अलग हो लेकिन मार्लेबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा बनाए गए क्रिकेट के कानून नियम ऐसी स्थिति को लेकर पूरी तरह से साफ हैं.
एमसीसी के क्रिकेट के नियम के अनुच्छेद 29 के मुताबिक, “अगर स्टंप के ऊपर से बेल पूरी तरह से हटा दी जाती है, या स्टंप जमीन से बाहर गिर जाता है, तो विकेट काफी हद तक टूट जाता है. बेल्स की गड़बड़ी, चाहे अस्थायी हो या नहीं, स्टंप के शीर्ष से इसे पूरी तरह से हटाने का काम नहीं करेगी, लेकिन अगर बेल्स गिरकर दो स्टंप के बीच की जगह में फंस जाती है तो इसे पूर्ण निष्कासन माना जाएगा. अगर बेल्स स्टंप के ‘ऊपर’ हैं या विस्थापित बेल का कोई हिस्सा बिना टूटे हुए स्टंप के ऊपर रहता है, तो स्टंप को ‘नीचे’ नहीं माना जाता है.