निकहत जरीन (Nikhat Zareen) दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है. निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने वियतनाम की न्गुयेन थी टेम को 5-0 से हराकर दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. निकहत जरीन (Nikhat Zareen) वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने पर मिली रकम से अपने माता-पिता को उमरा के लिए मक्का भेजेगी.
इससे पहले निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने इच्छा जताई थी कि अगर दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी तो वह मर्सिडीज खरीदेंगी. लेकिन अब उन्होंने इरादा बदल दिया. निकहत जरीन (Nikhat Zareen) को वीमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (Women’s World Boxing Championship) जीतने पर एक लाख डॉलर यानी करीब 80 लाख रुपये और महिंद्रा की तरफ से थार गाड़ी मिली है.
निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद कहा, ‘मैंने इस बारे (पैसों) में सोचा नहीं है. पिछली बार मैंने कहा था कि मैं एक मर्सिडीज लूंगी लेकिन मुझे गिफ्ट में थार मिल गई है तो अब मैं मर्सिडीज लेने की नहीं सोच रही हूं. मैं माता-पिता को उमरा के लिए भेजना चाहती हूं क्योंकि रमजान चल रहा है. मैं उनसे इस बारे में घर पर बात करूंगी.’ उमराह मक्का-मदीना की तीर्थ यात्रा होती है. यह हज से अलग होती है. उमरा साल में कभी भी की जा सकती है जबकि हज यात्रा एक तय समय पर ही होती है.
चार बेटियों के पिता जमील अहमद सेल्समैन का काम करते हैं और मां गृहणी हैं. जमील अहमद खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं. निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने कम उम्र में ही अपनी राह तलाश ली थी. महज 13 साल की उम्र में निकहत ने बॉक्सिंग की शुरुआत की.
निखत जरीन को यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कड़ी ट्रेनिंग करने के साथ ही समाज का सामना भी करना पड़ा. उनपर हिजाब पहनने का दबाव डाला गया. उनके शॉर्ट्स पहनने पर आपत्ति जताई गई. मर्दों के साथ बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करने पर तरह तरह की बाते सुनने को मिलीं.
लेकिन निकहत और निकहत जरीन (Nikhat Zareen) का परिवार कट्टरवादी विचार धारा से लड़ता हुआ आगे बढ़ता गया और अपनी जीत की गूंज से सबको जवाब दिया.