32 साल की उम्र में सूर्यकुमार यादव ने अपना डेब्यू मैच खेला और सबसे ज्यादा उम्र में डेब्यू करने वाले बल्लेबाज बन गए.
सूर्यकुमार यादव ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला और उनके सामने थे विश्व के सबसे अच्छे गेंदबाजों में गिने जाने वाले जोफ्रा आर्चर. सूर्यकुमार यादव ने पहली ही बॉल पर छक्का मारकर दिखा दिया के वे सबसे बेस्ट है और अपनी डेब्यू मैच में पहली बॉल पर छक्का मारने वाले पहले खिलाड़ी बने.
सूर्यकुमार यादव ने आज से 12 साल पहले 2010 में रणजी ट्रॉफी में 20 की उम्र में रोहित शर्मा के साथ 73 रनों की मैच विनिंग पारी खेल मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता था. और साल 2011-12 के आईपीएल सत्र में मुंबई इंडियंस की तरफ से ताबड़तोड़ 754 रन एक सीजन में बनाए थे. लेकिन इतनी बढ़िया प्रदर्शन के उन्हें भारतीय अंतरराष्ट्रीय टीम में सिलेक्शन नहीं मिला.
31 साल की उम्र में इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज बेन स्टोक्स ने वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया जबकि सूर्यकुमार यादव को 30 साल की उम्र में टीम इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिला.
जब मुंबई के तमाम दिग्गज बल्लेबाज रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन के आधार पर भारत की अंतरराष्ट्रीय टीम में चुन लिया गया तो फिर मजबूरी में उनके पास कोई खिलाड़ी नहीं बचा और उन्हों को सूर्यकुमार यादव को मुंबई का रणजी कप्तान बनाना पड़ा.
वहीं निराशा ने इनका पिसाई ही तक नहीं छोड़ा जब 2014 में बीच मैदान में शार्दुल ठाकुर से सूर्यकुमार यादव की लड़ाई हो गई तो 2015 में उन्होंने अचानक मुंबई की रणजी कप्तानी छोड़ दी.
धीरे-धीरे सूर्यकुमार यादव का दिल क्रिकेट से दूर होने लगा और वह इससे दूर जाने की सोचने लगी जब भी 2016 में सूर्य की शादी हुई और पत्नी देवी सनी सूर्य को पॉजिटिव रहकर खेल पर ध्यान देने के लिए कहा.
सूर्यकुमार यादव किसी बड़ी फैमिली से नहीं आते सूर्या की मां सपना यादव हाउसवाइफ है और उनके पिता अशोक यादव भाभा रिसर्च सेंटर में इंजीनियर है. सूर्या अपनी मां से बेपनाह मोहब्बत करते हैं चाहे कैसे भी हालात हूं मैं से ठीक पहले मां को फोन करते हैं और उनका आशीर्वाद लेकर ही मैच खेलते हैं.
सूर्या के पिताजी इंजीनियर हैं और वहां के ज्यादातर बच्चे जब साइंटिस्ट और इंजीनियर बन गए जब सूर्या ने शिद्दत से क्रिकेटर बनने का निश्चय किया तो लोग उनके मां-बाप को बहुत ताने दिया करते थे. लेकिन आज सूर्यकुमार यादव ने अपने खेल से उन सभी का मुंह चुप करा दिया.
लोग उनके माता पिता जी से कहते थे कि क्या बड़ा होकर इसे सचिन तेंदुलकर बनाएंगे? क्यों सूर्य कुमार का आप कैरियर बर्बाद करने पर तुले हुए हैं उसे पढ़ाई लिखाई करवाइए जिंदगी बना लेगा नहीं तो उम्र भर दर-दर भटकता डोलेगा.
ऐसी ही बातें सूर्यकुमार यादव के माता-पिता को जब तक वह 31 साल की उम्र तक नहीं पहुंच गए सुनते रहनी पड़ी वह अपने माता-पिता के आंसू देख कर बहुत दुखी होते और कुछ बोल नहीं पाते लेकिन मार्च 2021 में डेब्यू के बाद टीम में जगह पक्की करने के 1 साल के भीतर दुनिया का नंबर वन T20 इंटरनेशनल क्रिकेट बल्लेबाज बन कर उन्होंने सभी का मुंह चुप कर दिया.