कतर में विश्व कप के फाइनल में अर्जेंटीना ने फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया। वह 36 साल बाद विश्व कप जीतने में सफल रहा है। उसने 1978 और 1986 के बाद अब तीसरी बार खिताब को अपने नाम कर लिया है। निर्धारित 90 मिनट तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर रहने के बाद एक्स्ट्रा टाइम में मैच पहुंच गया।
वहां लियोनल मेसी ने एक गोल कर अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया, लेकिन किलियन एम्बाप्पे के मन में कुछ और ही था। उन्होंने 117वें मिनट में गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने मैच को अपने नाम कर लिया। कतर का लुसैल स्टेडियम रविवार (18 दिसंबर) को फुटबॉल के एक एतिहासिल मैच का गवाह बना।
पेनल्टी शूटआउट तक चले मैच में अर्जेंटीना ने फ्रांस को 4-2 से हराकर विश्व कप अपने नाम कर लिया। दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में एक लियोनल मेसी और युवा स्टार किलियन एम्बाप्पे ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया। मेसी ने दो तो एम्बाप्पे ने तीन गोल दागे।
लियोनल मेसी ने मैच में पहला गोल 23वें मिनट में पेनल्टी पर किया। वह एक विश्व कप के सभी नॉकआउट मैचों में गोल करने वाले दुनिया के पहले फुटबॉलर बन गए। उनके बाद एंजेल डी मारिया 36वें मिनट में गोल कर अर्जेंटीना को 2-0 से आगे कर दिया। हाफटाइम तक अर्जेंटीना की टीम 2-0 से आगे थी।
हाफटाइम के बाद दोनों टीमों ने लगातार हमले किए, लेकिन गोल नहीं निकल पा रहे थे। 80 मिनट तक तो ऐसा लगा कि अर्जेंटीना अब मैच को आसानी से जीत लेगा, लेकिन किलियन एम्बाप्पे ने दो मिनट में दो गोल कर मैच को पलट दिया। उन्होंने 80वें और 81वें मिनट में गोल कर दिया।
निर्धारित 90 मिनट तक स्कोर 2-2 की बराबरी पर रहने के बाद मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में पहुंच गया। वहां दोनों टीमों को 15-15 मिनट के दो हाफ मिले। लियोनल मेसी ने 108वें मिनट में गोल कर मैच में अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया। एक बार फिर लगा कि अर्जेंटीना जीत के करीब पहुंच गया है, लेकिन उसके राह में किलियन एम्बाप्पे फिर से खड़े हो गए।
उन्होंने 117वें मिनट में गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद मैच पेनल्टी शूटआउट में पहुंच गया। वहां अर्जेंटीना ने मुकाबले को 4-2 से अपने नाम कर लिया। 1994 में ब्राजील और 2006 में इटली ने पेनल्टी शूटआउट में मैच जीता था। संयोग की बात है कि इटली ने फ्रांस को हराया था।