क्रिकेट से सन्यास ले चुके यूसुफ पठान की पहचान विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर रही है. यूसुफ जब अपने सुनहरे दौर में थे तो अपने दम पर मैच जिताने का दम रखते थे. युसूफ पठान का क्रीज पर टिके रहना गेंदबाजों के लिए सबसे बड़े खतरा होता था. इंडियन प्रीमियर लीग में यूसूफ पठान ने राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए कई यादगार पारियां खेलीं.
एक समय आईपीएल का सबसे तेज शतक जड़ने का रिकॉर्ड उनके नाम था. टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज युसूफ ने 2010 के सीजन में 37 गेंदों में शतक लगाया था. विरोधी टीम में कौन सा गेंदबाज है, यूसुफ को इसका जरा सा भी फर्क नहीं पड़ता था. वो अपनी धुन में ही बल्लेबाजी करते थे. ये उन्होंने कई मौकों पर साबित भी किया है.
2011 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली गई उनकी 105 रनों की पारी को कौन भूल सकता है. यूसुफ ने इस मैच में 70 गेंदों में 150 के स्ट्राइक रेट से शानदार 105 रन बनाए थे. हालांकि, वह टीम इंडिया की जीत तो नहीं दिला सके थे, लेकिन लाज जरूर बचाई थी. 250 रनों का पीछा करते हुए टीम इंडिया एक वक्त पर 98 रनों पर 7 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी.
टीम इंडिया की हार तय थी, लेकिन यूसुफ पठान के इरादे कुछ और ही थे. यूसुफ पठान ने पहले पीयूष चावला के साथ आठवें विकेट के लिए 21 रनों की साझेदारी की. इसके बाद उन्होंने जहीर खान के साथ 100 रनों की पार्टनरशिप की. ये 100 रन महज 13 ओवर में बने.
इन 100 रनों में से जहीर खान का योगदान 24 रनों का रहा. यूसुफ पठान के आउट होने से ही ये साझेदारी टूटी और इसके साथ ही इंडिया की जीत की उम्मीदें भी खत्म हो गईं. अपनी इस ताबड़तोड़ पारी में उन्होंने 8 छक्के और 8 चौके जड़े.
यूसुफ के आउट होने के बाद मॉर्ने मॉर्केल और डेल स्टेन जैसे तूफानी गेंदबाजों ने राहत की सांस ली. यूसुफ जब आउट हुए थे तब स्कोरबोर्ड पर 219 रन लगे थे. इसके बाद जहीर खान और मुनाफ पटेल के बीच 15 रनों की साझेदारी हुई. जहीर खान आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे.