एक कहावत है कि ‘पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब’. लेकिन विश्व भर में जितने भी खिलाड़ी है वो अपने उत्तम खेल के कारण विश्व भर में विख्यात हुए हैं.
इन सब से परे क्रिकेट की दुनिया मे कुछ खिलाड़ी भी आये हैं जो खेल कूद के साथ साथ पढ़ाई में भी उत्तम थे और एक अच्छी डिग्री रखने वाले हैं. इस आर्टिकल में हम भारतीय क्रिकेट इतिहास के कुछ ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिन्होंने सबसे अधिक पढ़ाई लिखाई की है और उनके पास एक बेहतरीन डिग्री है.
1. अनिल कुंबले
भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले कुंबले ने अपने क्रिकेट करियर के अंत में भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी भी की. क्रिकेट मैदान के अलावा कुंबले पढ़ाई में भी अच्छे रहे. उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज एजुकेशन बासावानागुड़ी से पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने आरवीसीई कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की. कुंबले इस तरह से टेक्निकल रूप से इंजीनियर बन गए थे. इसी बीच उन्होंने साल 1989 में भारतीय टीम में पर्दापण किया और भारतीय टीम को पूरे 21 साल तक सेवाएं दीं .
2. जवागल श्रीनाथ
भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ अब आईसीसी के मैच रैफरी हैं. श्रीनाथ वनडे क्रिकेट में 300 से अधिक विकेट लेने वाले भारत के एकमात्र तेज गेंदबाज हैं।.श्रीनाथ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पर्दापण साल 1991 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध किया था. उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच भी ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ साल 2003 में खेला. श्रीनाथ एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं उन्होंने क्रिकेट में आने से पहले मैसूर से इंस्ट्रुमेंटल इंजीनियरिंग में बैचलर इन इंजीनियरिंग डिग्री हासिल की थी.
3. राहुल द्रविड़
भारतीय टीम के श्रीमान भरोसेमंद राहुल द्रविड़ को उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी तकनीक के कारण उन्हें लोग “द वॉल” कहा करते थे. उन्होने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 1996 में की और वह भारतीय टीम की ओर से 16 साल तक खेले. द्रविड़ की स्कूलिंग बैंगलोर के एक जाने माने सेंट जोसेफ बॉयज हाईस्कूल से हुई. बाद में उन्होंने बैंगलोर के सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ कॉमर्श से कॉमर्श में डिग्री हासिल की. जब वह सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे तभी उनका चयन भारतीय टीम के लिए हो गया.
4. वीवीएस लक्ष्मण: भारतीय टीम के स्टायलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का पूरा नाम वेंगीपुरापु वेंकटा साईं लक्ष्मण है. लक्ष्मण ने टेस्ट पर्दापण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साल 1996 में किया. उन्होंने साल 2006 में ही अपना अंतिम एकदिवसीय मैच भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ही खेला. लक्ष्मण की स्कूलिंग हैदराबाद के लिटिल फ्लावर हाई स्कूल से हुई. 10+2 करने के बाद लक्ष्मण ने डॉक्टर बनने के लिए एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले लिया, लेकिन इस बीच उन्होंने दवाईयों के करियर को अलविदा कहते हुए क्रिकेट का दामन थाम लिया और आने वाले सालों में भारत के महान क्रिकेटर के रूप में उभरे.
5. रविचंद्रन अश्विन:
वर्तमान समय में भारतीय टीम के सबसे बेहतरीन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने साल 2011 में अपने एकदिवसीय करियर की शुरुआत की थी. अश्विन ने क्रिकेटर बनने से पहले इंन्फॉरमेशन टेक्नॉलजी में बीटेक डिग्री चेन्नई के जाने माने कॉलेज से पास की है. लेकिन अंत में उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ क्रिकेट में करियर बनाने का निर्णय लिया.
6. जहीर खान
जहीर खान अपने स्कूल के समय में एक अच्छे स्टूडेंट थे. 12वीं अच्छों अंकों के साथ पास करने के बाद जहीर ने इंजीनियरिंग के लिए एडमीशन लिया. लेकिन क्रिकेट खेल के प्यार ने उन्हें अपनी ओर खीच लिया और वह इंजीनियरिंग को पीछे छोड़कर क्रिकेट में हाथ आजमाने में व्यस्त हो गए. जहीर खान भारत के सफतम गेंदबाजों में शुमार रहे हैं.
7. अविष्कार साल्वी
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अविष्कार साल्वी का मैक्ग्रा जैसे एक्शन की वजह से सुर्खियों में आए थे. इस तेज ने भारत के लिए 4 वनडे मैच खेले. साथ ही वो आईपीएल में 7 टी20 मैच भी खेले थे. अविष्कार साल्वी एस्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी कर चुके हैं. उनकी डिग्री हमेशा क्रिकेट के दुनिया में चर्चा का विषय बनी रही. बता दें कि स्ट्रोफिजिक्स में हायर एजुकेशन यानी की रिसर्च करने वालों को ISRO से लेकर NASA तक काम करने का मौका मिलता है. इसके अलावा स्ट्रोफिजिक्स के जरिए BARC और NCRA जैसी संस्थानों में नौकरी का मौका मिलता है.
8. अमर खुरासिया
अमर खुरासिया वह बाएं हाथ के बल्लेबाज और एक धीमी गति से बाएं हाथ के गेंदबाज रहे. वह भारत के सबसे पढ़े लिखे क्रिकेटर माने जाते हैं. उन्होने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया. वह 12 वनडे मैचो में टीम इंडिया का हिस्सा रहे. बहुत कम लोग जानते हैं कि अमय खुरासिया ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले IAS की परीक्षा पास की थी. इस हिसाब से वो टीम इंडिया के सबसे शिक्षित क्रिकेटर कहे जाते हैं.
(साभार)