क्रिकेट जगत में भी हुई शाहरूख-सलमान का एंट्री, दोनो ही हैं विस्फोटक बल्लेबाज, प्रदर्शन हैं बेहद दमदार

शाहरुख खान और सलमान नाम सुनते सभी के दिमाग में जो पहली छवि आती है वह बॉलीवुड के नामी सितारों का चेहरा सामने आ जाता है. वहीं बात जब सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली की होती है तो सीधे-सीधे दिमाग में टीम इंडिया के धाकड़ खिलाड़ी का चेहरा सामने आता है. लेकिन तमिल नायडू लीग में सलमान खान और शाहरुख खान नाम के खिलाड़ी शामिल हुए जिन्होंने अपने नाम के कारण काफी सुर्खियां बटोरी.

शाहरुख खान और सलमान खान हैं, जो दो अलग-अलग राज्यों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले युवा भारतीय क्रिकेटर हैं. लेकिन उनके नाम की बदौलत जो बॉलीवुड की रॉयल्टी का पर्याय बन गए हैं और क्रिकेट के मैदान पर उनका जीवन काफी दिलचस्प है.
सलमान फारुख खान राजस्थान के झालावाड़ के 20 वर्षीय क्रिकेटर हैं, जबकि मसूद शाहरुख खान 24 साल के हैं और चेन्नई में पैदा हुए थे. वह भारतीय घरेलू सर्किट में तमिलनाडु के लिए खेलते हैं. शाहरुख और सलमान दोनों ही निचले क्रम के बल्लेबाज हैं, जो राइट आर्म ऑफ ब्रेक से गेंदबाजी करते हैं.

Timesofindia.com को दिए अपने एक इंटरव्यू में दोनों ही खिलाड़ियों ने अपने नाम के पीछे की कहानी बताई. शाहरुख ने बताया कि उनकी मौसी किंग खान की बहुत बड़ी फैन हैं. उन्होंने मेरी मां से हमेशा कहा कि यदि आपको लड़का होगा तो उसका नाम शाहरुख ही रखेंगे. इसलिए मौसी ने मेरा नाम अपने पसंदीदा स्टार के नाम पर रखा.Meet Shahrukh Khan and Salman Khan, the cricketers | Cricket News - Times  of India

2 बार अंडर 19 टीम से एशिया कप में खेलने वाले सलमान ने अपने नाम की कहानी बताते हुए कहा कि उनका नाम उनके पिता ने रखा. वह बॉलीवुड स्टार सलमान खान के फैन नहीं थे बल्कि उन्हें सलमान शब्द का अर्थ जो कि सेफ एंड सिक्योर है यह बहुत पसंद था. इसलिए उन्होंने मेरा नाम सलमान रखा.

शाहरुख ने TimesofIndia.com को बताया, “जब मैं पहली बार टीम (तमिलनाडु) में आया था, तब मैं 19 साल का था. मुझे चार साल बाद प्रथम श्रेणी मैच में मौका मिला. हमेशा चेपॉक में खेलना एक सपना था.

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मैंने लंबे समय तक इसका सपना देखा और आखिरकार यह सच हो गया. यह मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण था. यह एक ड्रीम डेब्यू था जिसमें केरल के खिलाफ खेला था. मैंने अच्छे रन बनाए और अपनी टीम को मैच जीतने में मदद की. ”

तमिलनाडु लीग में लाइसा कोवाई किंग्सा का हिस्सा रहे शाहरुख को 7 मैचों में टीम में मौका मिला. जिसमें उन्होंने 27.71 के औसत और 138.57 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 23 चौके और 7 छक्के सहित 194 रन बनाए. साथ ही उन्होंने एक अर्धशतक भी लगाया.
20 वर्षीय सलमान को अपनी प्रथम श्रेणी में पदार्पण करने के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा. नंबर 6 पर आकर, सलमान, जो उस समय 17 साल के थे उन्होंने पटियाला में नवंबर 2016 में ओडिशा के खिलाफ अपने पहले रणजी ट्रॉफी मैच में 203 गेंदों पर शानदार 110 रन बनाए. जिसमें उन्होंने 15 चौके जड़े थे.

राहुल चाहर जिन्होंने हाल ही में तीसरे टी 20 अंतरराष्ट्रीय बनाम वेस्टइंडीज में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया है. उसी मैच में सलमान के साथ-साथ उन्हें प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया. मैच ड्रॉ में पर खत्म हुआ लेकिन सलमान मैन ऑफ द मैच पुरस्कार से नवाजा गया.

सलमान जितना अपने नाम से मशहूर हैं उम्मीद है वह आगे अपने खेल के लिए भी दुनिया भर में सुर्खियां बटोरेंगे. सलमान ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 2016 में ओडिशा के खिलाफ डेब्यू किया. 8 मैचों में 12 इनिंग्स खेलते हुए 28.66 के औसत और 47.57 की स्ट्राइक रेट से 344 रन अपने नाम किए हैं.

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