Home SPORTS अज़हर से लेकर धोनी तक कप्तानी छोड़ने के बाद फेल साबित हुए भारतीय दिग्गज, क्या कोहली तोड़ पायेंगे मिथक!

अज़हर से लेकर धोनी तक कप्तानी छोड़ने के बाद फेल साबित हुए भारतीय दिग्गज, क्या कोहली तोड़ पायेंगे मिथक!

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अज़हर से लेकर धोनी तक कप्तानी छोड़ने के बाद फेल साबित हुए भारतीय दिग्गज, क्या कोहली तोड़ पायेंगे मिथक!

विश्व के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली इन दिनों चर्चा में हैं. वजह है टीम इंडिया की कप्तानी से इस्तीफा. साउथ अफ्रीका के टेस्ट सीरीज में 1-2 से मिली करारी शिकस्त के बाद कोहली ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है.

पिछले ही महीने उन्हे वनडे कप्तानी से हटा दिया गया था जिसके बाद से बीसीसीआई और विराट कोहली के बीच अनबन की खबरें सामने आ रहीं थी. अक्टूबर में खेले गए टी20 विश्वकप में टीम इंडिया की हार के बाद उन्होने टी20 कप्तान से भी इस्तीफा दे दिया था.

भारतीय क्रिकेट के इतिहास को देखें तो कप्तानी छोड़ने के बाद कई बड़े दिग्गज शतक तक नहीं लगा सके. ऐसे में कोहली के लिए राह आसान नहीं रहने वाली. मोहम्मद अज़रूद्दीन से लेकर महेंद्र सिहं धोनी तक कई नामचीन बल्लेबाज कप्तानी छोड़ने के बाद फेल साबित हुए हैं.

पिछले दो दशक में नजर दौड़ाए तो सचिन तेंदुलकर ऐसे एकमात्र बल्लेबाज रहे हैं जो कप्तान छोड़ने के बाद सफल रहे हैं. सचिन 1996 और 1999 में भारत के कप्तान रहे. कप्तानी छोड़ने के बाद सचिन ने वनडे की 222 पारियों में 48 की औसत से 9657 रन बनाए. 25 शतक और 51 अर्धशतक लगाया. 200 रन की नाबाद पारी भी खेली. टेस्ट में सचिन ने 208 पारियों में 53 की औसत से 9885 रन बनाए. 29 शतक और 44 अर्धशतक लगाया. यानी कप्तानी छोड़ने के बाद उन्होंने 54 शतक जड़े.

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 200 से अधिक मैच में कप्तानी की. लेकिन कप्तान से हटने के बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट आई थी. उन्होंने बतौर कप्तान अंतिम टेस्ट फरवरी 1999 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. वहीं अंतिम वनडे जून 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला. कप्तानी छोड़ने के बाद वे वनडे की 11 पारियों में 27 की औसत से 268 रन ही बना सके. एक अर्धशतक लगाया. वहीं एक टेस्ट की 2 पारियों में उन्होंने 56 की औसत से 111 रन बनाए. एक शतक जड़ा. यानी कप्तानी जाने के बाद वे 13 पारियों में सिर्फ एक शतक लगा सके.

राहुल द्रविड़ ने भारत की ओर से 100 से अधिक मैच में कप्तानी की. कप्तानी छोड़ने के बाद उन्होंने टेस्ट की 95 पारियों में 44 की औसत से 3796 रन बनाए. 12 शतक और 15 अर्धशतक लगाया. वहीं वनडे की 15 पारियों में 24 की औसत से सिर्फ 355 रन बना सके. 2 अर्धशतक लगाया.

सौरव गांगुली की बात करें तो कप्तानी छोड़ने के बाद उन्होंने टेस्ट की 53 पारियों में 45 की औसत से 2146 रन बनाए. 4 शतक और 10 अर्धशतक लगाया. वहीं वनडे की 28 पारियों में 43 की औसत से 1120 रन बनाए. 11 अर्धशतक लगाया.

एमएस धोनी ओवरऑल भारत के सबसे सफल कप्तान हैं. उन्होंने बतौर कप्तान अंतिम टेस्ट दिसंबर 2014 में खेला था. इसके बाद उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा देते हुए टेस्ट से संन्यास ले लिया था. वहीं वनडे की बात की जाए तो उन्होंने कप्तानी छोड़ने के बाद 20 पारियों में 49 की औसत से 686 रन बनाए. 6 अर्धशतक लगाया. वहीं टी20 की 22 पारियों में 42 की औसत से 505 रन बनाए. 2 अर्धशतक लगाया. यानी वे कप्तानी छोड़ने के बाद शतक नहीं लगा सके.

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