क्रिकेट अनिश्चितताओं से भरा खेल है. जिसमे कभी भी कुछ भी संभव है.
जब तक क्रिकेट मैच में आखिरी गेंद न फेंकी जाये तब तक किसी भी नतीजे पर पहुँचाना सही नहीं है. क्रिकेट इतिहास में कई मौके ऐसे आये जब निचले क्रम के बल्लेबाजों ने पूरा मैच ही बदल ही दिया. ऐसा ही कुछ नजर रॉयल लंदन कप टूर्नामेंट में देखने को मिला.
रॉयल लंदन कप टूर्नामेंट में ल्युक डोनेथी ने गेंद और बल्ले से करिश्माई प्रदर्शन कर टीम को जीत दिलाई. कल खेले गये मैच में रॉयल लंदन कप टूर्नामेंट में में डरहम की टीम ने शानदार जीत दर्ज की. रॉयल लंदन कप टूर्नामेंट में कल खेले गये मुकाबले में डिक्सन और डोनेथी जब क्रिज पर आए तब उनकी टीम डरहम संघर्ष कर रही थी.
दोनों ने मिलकर एक अच्छी साझेदारी निभाते हुए टीम के स्कोर को 176-6 से 327 तक पहुंचाया. डिक्सन ने धामकेदार अंदाज में शतकीय पारी खेली तो वहीं डोनेथी ने अर्द्धशतक ठोका. डोनेथी आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे और एक शानदार फिनिशर की तरह बल्लेबाजी की. डोनेथी ने अपनी आतिशी 69 रन की पारी में पांच गगनचुंबी छक्के और तीन शानदार चौके लगाए.
डिक्सन और डोनेथी की जोड़ी ने 12 चौके और 10 छक्के जड़कर लंकाशायर की टीम को दबाव में ला दिया. 327 रन के स्कोर का पीछा करने उतरी लंकाशायर की टीम ने एक स्थिर शुरुआत की, हालांकि लंकाशायर की टीम नियमित अंतराल पर उसके विकेट खोती रही.
लंकाशायर ने 100 रन के भीतर ही अपने तीन बहुमूल्य विकेट गंवा दिए. इसके बाद रॉब जोन्स ने पारी को संभालने की कोशिश की और 65 रन की पारी खेली. जोन्स ने अपनी टीम के लिए एंकर की भूमिका निभाते हुए 50 गेंदों में अर्धशतक जड़ा.
जोन्स और जॉर्ज लावेल ने 89 रन की साझेदारी कर लंकाशायर को मुश्किलों से उबारने की कोशिश की, लेकिन जॉर्ज लावेल आउट हो गए. इसके बाद फिर लंकाशायर की टीम मैच में वापसी नहीं कर पाई और पूरी टीम 44.3 ओवर में 240 रनों पर पवेलियन लौट गई. डोनेथी ने गेंद से भी कमाल करते हुए ४ विकेट हासिल किये.