ख़बीब में है कुछ ख़ास?
रूस के दागेस्तान इलाके से आने वाले ख़बीब अवार जाति से ताल्लुक रखते हैं. एक सम्मान प्राप्त सैन्य अधिकारी के बेटे ख़बीब ने आठ साल की उम्र से ही अपने पिता से पहलवानी की ट्रेनिंग लेना शुरू की थी.
ख़बीब ने अपने पिता अब्दुलमनाप से सिर्फ पहलवानी की ही ट्रेनिंग नहीं ली बल्कि उन्होंने जूडो और सैम्बो (1920 के दशक में सोवियत रेड आर्मी ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट की एक ख़ास विधा को विकसित किया था) की ट्रेनिंग भी ली.
सैम्बो की ख़ास बात ये है कि इसमें दूसरी तमाम मार्शल आर्ट के सभी ऐसे हथकंडे शामिल होते हैं जो विरोधी उम्मीदवार को सोचने का मौका भी नहीं देते.
कहा तो ये भी जाता है कि ख़बीब नूर अपने बचपन में एक असली भालू से कुश्ती किया करते थे.
हालांकि, जूडो और सैम्बो सीखते समय उन्होंने मार्शल आर्ट्स में अपना करियर बनाने का फ़ैसला नहीं किया था.
लेकिन जब उनके पिता ने अपने घर के ग्राउंड फ़्लोर पर जिम की शुरुआत की तब उन्होंने गंभीरता से मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेना शुरू की.
नूरमगोमेदोव ने जून 2013 में पतिमत से शादी की और उनके तीन बच्चे हैं: एक बेटी का जन्म 1 जून 2015, एक बेटा 30 दिसंबर 2017, और एक बेटा 22 दिसंबर 2019 को पैदा हुआ।
खबीब के परदादा के नाम पर पहले बेटे का नाम मैगोमेद रखा गया। नूरमागोमेदोव के चचेरे भाइयों में साथी यूएफसी लड़ाकू अबूबकर नूरमगोमेदोव और उमर नूरमगोमेदोव, और बेलाटर लड़ाकू उस्मान नूरमगोमेदोव शामिल हैं।
साभार wiki