Home SPORTS दर्जी पिता के पैरालिसिस होने पर मां ने की मजदूरी, बेहद संघर्ष से भरा है निशा अहमद का ओलंपिक तक का सफर

दर्जी पिता के पैरालिसिस होने पर मां ने की मजदूरी, बेहद संघर्ष से भरा है निशा अहमद का ओलंपिक तक का सफर

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दर्जी पिता के पैरालिसिस होने पर मां ने की मजदूरी, बेहद संघर्ष से भरा है निशा अहमद का ओलंपिक तक का सफर

टोक्यो में चल रहे ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की निशा अहमद बतौर मिडफील्डर (डिफेंडर) खेल रही हैं.

निशा का संबंध हरियाणा के बेहद ग़रीब परिवार से है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ओलंपिक में हॉकी खेलने गई सोनीपत की निशा अहमद के घर पर 5 लाख रुपये की खेल सहायता राशि (बहुत कम) भिजवा कर परिवार को थोड़ी राहत दी है.

मुख्यमंत्री की शुभकामना संदेश लेकर पहुंचे उनके प्रतिनिधि ओएसडी गजेंद्र फौगाट ने खिलाड़ी के माता-पिता का हाल चाल जाना व उनके संघर्ष के साक्षी बने. सोनीपत की महिला हॉकी खिलाड़ी निशा अहमद जिनका घर केवल 25 गज में है. उनके पिता जी सोहराब अहमद एक टेलर थे मगर 2016 में उनको अटैक की वजह से लकवा मार गया जिस पश्चात उनको भी ये काम छोड़ना पड़ा. इस दुर्घटना के बाद दुर्गति यह हुई कि ऐसा वक्त आ गया कि खाने तक का इंतजाम कठिन हो गया था. फिर उनकी माता जी महरून खान ने एक फोम के कारखाने मैं नोकरी कर अपने 4 चार बच्चों की जिम्मेदारी खुद संभाली. इस सब के दौरान निशा अहमद की प्रैक्टिस निरन्तर जारी रही.

अब निशा अहमद को रेलवे विभाग ने नोकरी दे दी है. गरीबी से जूझते हुए निशा आज भारतीय हॉकी टीम को ओलंपिक पदक दिलाने के लिए टोक्यो में योद्धा की तरह मैदान पर जूझ रही है. उसके संघर्ष को सफलता जरूर मिलेगी। निशा के परिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 लाख रूपए की सहायता राशि भिजवाई है. अब यह राशि मिलने से परिवार को थोड़ी राहत जरूर मिली है.

इस दौरान फौगाट ने निशा के माता-पिता को आश्वासन दिया कि निशा को सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जाएगी. इस परिवार के हर सँघर्ष को ढ़ेरों सलाम!

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