तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में क्रिकेट को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
अगले महीने होने वाले टी20 विश्वकप में अफगानिस्तान की भागीदारी उत्सुकता का विषय बन रही है. पिछले ही दिनों तालिबान हुकुमरान ने महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर रोक लगा दी . वहीं क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों को अचानक बदलाव किया गया है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी निदेशक हामिद शिनवारी की जगह अब नसीबुल्लाह हक्कानी को बनाया गया है.
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी निदेशक हामिद शिनवारी की जगह नसीबुल्लाह हक्कानी ने ली है. 17 अक्टूबर से संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में शुरू होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में अफगान के ध्वज के बजाए तालिबान के झंडे को लगाने के लिये जोर दिया जा सकता है. अगर ऐसा कोई अनुरोध किया जाता है तो आईसीसी निदेशक बोर्ड निश्चित रूप से इस तरह के किसी अनुरोध को खारिज कर देगा.
पाकिस्तान को छोड़कर अभी साफ नहीं है कि अन्य देश अफगानिस्तान के बदले हुए ध्वज के खिलाफ खेलने के लिए तैयार हो जाएंगे या नहीं. पाकिस्तान में तालिबान सरकार को पूरा समर्थन प्राप्त है और समर्थकों में पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी भी शामिल हैं.
टीम में दुनिया के शीर्ष टी20 खिलाड़ी राशिद खान मौजूद हैं. अफगानिस्तान का पारंपरिक ध्वज काले, लाल और हरे रंग का है. आईसीसी के एक बोर्ड सदस्य ने कहा, ‘अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. अभी तक तालिबान के ध्वज के तले खेलने का कोई अनुरोध नहीं किया गया है लेकिन जहां तक संचालन का संबंध है तो आईसीसी बोर्ड को इस पर फैसला करने की जरूरत है. हर कोई अफगानिस्तान की परिस्थितियों पर नजर रखे है.’
उन्होंने कहा, ‘सामान्य तौर पर अगर आईसीसी एक क्रिकेट बोर्ड को प्रतिबंधित कर देता है तो वह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ियों पर इसका असर नहीं पड़े. राशिद खान हों या मोहम्मद नबी हो, किसी की कोई गलती नहीं है.’
आईसीसी के सदस्यता के मानंदड के अनुसार, ‘एक आवेदक के पास आईसीसी से मान्यता प्राप्त करने के लिये देश में उचित दर्जा, ढांचा, मान्यता, सदस्यता और काबिलियत होनी चाहिए ताकि वह मुख्य संचालन संस्था के तौर पर काम कर सके और देश में खेल के प्रशासन, प्रबंधन और क्रिकेट के विकास (पुरुषों और महिलाओं) के लिए जिम्मेदार हो.’
इसमें सदस्य देश को महिलाओं के क्रिकेट के लिए भी संतोषजनक संरचना तैयार करनी होती है और काफी खिलाड़ियों का पूल तैयार करना होता है. तालिबान के महिलाओं के क्रिकेट को प्रतिबंधित करने के बाद अफगानिस्तान ने पहले ही जरूरी मानंदड में गंभीर उल्लघंन कर दिया है.