Home SPORTS शक्ल देखकर ही रिजेक्ट कर देते थे लोग, वॉचमैन की नौकरी करनी पड़ी, फिर ऐसे पलटी नवाजुद्दीन की क़िस्मत

शक्ल देखकर ही रिजेक्ट कर देते थे लोग, वॉचमैन की नौकरी करनी पड़ी, फिर ऐसे पलटी नवाजुद्दीन की क़िस्मत

0
शक्ल देखकर ही रिजेक्ट कर देते थे लोग, वॉचमैन की नौकरी करनी पड़ी, फिर ऐसे पलटी नवाजुद्दीन की क़िस्मत

फ़िल्म गैंग ऑफ वासेपुर में फैज़ल खान का किरदार निभाकर नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी ने बॉलीवुड में अपनी एक ख़ास पहचान बना ली हैइस फ़िल्म से फ़िल्म नवाज़ ने क़रीब 21 फ़िल्मों में छोटे बड़े रोल किए थेजिसकी शुरूआत 1999 में आई फ़िल्म सरफ़रोश से हुई थीइस फ़िल्म में आमिर खान लीड रोल में थेआज 19 मई को नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैंमुज़फ़्फ़रनगर के एक साधारण परिवार में पैदा हुए नवाज़ को फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ाउनके जीवन में वह वक़्त भी आया जब उन्हें कई दिन भूखे पेट सोना पड़ा था.

थिएटर से की शुरुआत

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने यह भी कहा कि उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि वह कुछ अलग हैंवह खुद को दूसरे थिएटर एक्टर्स की तरह ही मानते थेजिनमें से सभी ने एक्टिंग में अपना सब कुछ लगा दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी करके शुरुआत की और फिर दिल्ली में NSD में पढ़ाई की. उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले चार साल तक थिएटर में भी काम किया.

वॉचमैन की नौकरी की

नवाज ने अपने संघर्ष के दिनों में वॉचमैन और  केमिस्ट बनकर भी काम चलाया है. नवाज एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनकी मां घर के काम करती थीं और पिता किसान थे. नवाज का परिवार काफी बड़ा था क्योंकि नवाजुद्दीन सातभाई बहन थे. यही कारण था कि नवाज ने कभी अपने सपनों को उड़ान नहीं दीलेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 

सरफरोश में मिला पहला रोल

नवाज़ को शुरूआत में काम हासिल करने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ावह जहां भी जाते उन्हें देख लोग काम देने से मना कर देतेकितने ही रिजेक्शन केबाद उन्हें पहली बार फ़िल्म सरफ़रोश में एक छोटा सा रोल मिला. जिसमें यह एक इंफॉर्मर बने थे. इसके बाद इन्हे शूल में वेटर और जंगल फिल्म में खबरी का मात्र कुछ सेंकेंड का रोल मिला.  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here