443 रन, 43 चौके, 6 छक्के सिर्फ एक मैच में, इस खिलाड़ी के आगे विरोधी जीत को तरसे, गेंद और बल्ले से छा गया

क्रिकेट दुनिया में एक कहावत बहुत प्रचलित है क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है, क्रिकेट में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, कभी भी कुछ भी हो सकता है, 40 चौके, 6 छक्के, 443 रन और 10 विकेट।

जिस मुकाबले की हम बात कर रहे हैं उसका पूरा सार यही है, ये मुकाबला हॉन्ग कॉन्ग ए और मलेशिया के बीच खेला गया, जिसमें 19 साल का एक खिलाड़ी मैच का नायक बनकर उभरा, उसने सिर्फ बल्ले से ही नहीं।

बल्कि उससे बरसने से पहले गेंद से भी अपनी छाप छोड़ी, नतीजा ये हुआ कि जीत में पूरी महफिल लूट ली, मैच खत्म होने के बाद वो छा गए।

दोनों टीमों के बीच ये मुकाबला 50 ओवर का खेला गया, जिसमें पहले हॉन्ग कॉन्ग ए ने बल्लेबाजी की, विकेटकीपर बल्लेबाज जीशान अली के बनाए 107 रन के दम पर हॉन्ग कॉन्ग ए ने 8 विकेट खोकर 220 रन बनाए, हॉन्ग कॉन्ग ए की पूरी इनिंग में 24 चौके और 4 छक्के लगे, जिसमें से 14 चौके और 3 छक्के अकेले जीशान अली ने मारे।

ओपनर्स के आगाज को 19 साल के खिलाड़ी ने दिया अंजाम

अब मलेशिया के सामने 221 रन का लक्ष्य था, जिसे उसने 47.4 ओवरों में सिर्फ 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया, मलेशिया के लिए अच्छी बात ये रही कि उसकी शुरुआत धमाकेदार रही।

उसके दोनों ओपनर आमिर और जुबैदी के बीच ओपनिंग विकेट के लिए 75 रन की साझेदारी हुई, लेकिन इस आगाज को जिसने अंजाम तक पहुंचाया वो बल्लेबाज रहे ऑलराउंडर विजय उन्नी।

1 विकेट और 50 रन के साथ बने प्लेयर ऑफ द मैच

19 साल के ऑलराउंडर विजय उन्नी ने 75 गेंदों पर नाबाद 50 रन बनाए. मलेशिया की ओर से कुल 19 चौके और 2 छक्के लगे, जिसमें 3 चौके और 1 छक्का विजय ने लगाया।

इस इनिंग से पहले विजय ने हॉन्ग कॉन्ग ए के खिलाफ गेंद से भी कमाल दिखाते हुए 1 विकेट झटका, इस ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए विजय उन्नी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

विजय उन्नी को विरनदीप सिंह से भी अच्छा साथ मिला, जिन्होंने 109 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 65 रन बनाए, दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 110 रन की नाबाद साझेदारी हुई, जिसने मैच को खत्म कर मलेशिया की झोली में डालने का काम किया, मलेशिय़ा ने हॉन्ग कॉन्ग ए के खिलाफ 8 विकेट से मुकाबला जीता।

 

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