कुछ दिन पहले तक विश्व के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति रहे गौतम अडानी की पर्सनल लाइफ लाइमलाइट में बेहद कम रहती हैं. अडानी अपनी पत्नी को अपने जीवन की अर्धस्तंभ बताते हैं. अडानी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी तरक्की के लिए प्रीति अडानी ने अपना करियर दांव पर लगा दिया. उन्होंने अपनी शादी पर भी बात की थी और कहा था कि जब वह प्रीति से शादी के लिए पहली बार मिले तो बहुत चुप थे.
पत्नी से पहली मुलाकात पर क्या बोले अडानी?
गौतम अडानी और प्रीति की अरेंज मैरिज हुई थी. पहली मुलाकात को लेकर अडानी ने बताया था कि वह बहुत शर्मीले थे. अडानी ने कहा था, मैं अनपढ़ आदमी और वो डॉक्टर तो नेचुरली थोड़ा मिसमैच तो था ही.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जाता है कि दोनों की शादी उनके परिवार के बड़ों की तरफ से तय की गई थी. प्रीति की बात करें तो, उनका जन्म मुंबई में हुआ था. इसके बाद वह अहमदाबाद आ गई थीं. वह कुछ समय के लिए अपने परिवार के साथ अमेरिका में भी रह चुकी हैं.
प्रीति पढ़ाई में काफी अच्छी थीं. उन्होंने गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, अहमदाबाद में क्वालीफाई कर डॉक्टरी की पढ़ाई की. लेकिन शादी के बाद उन्हें अपना करियर छोड़ना पड़ा. शादी के बाद 1996 में वो गौतम अडानी के एनजीओ अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन बन गईं.
अपना करियर छोड़ने का हालांकि प्रीति को कोई मलाल नहीं है. अपने पति को 60वें जन्मदिन पर उनकी एक तस्वीर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था, ’36 साल से भी अधिक समय हो गया..मैंने अपने करियर को अलग रखा और गौतम अडानी के साथ एक नई यात्रा शुरू की. आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो उनके लिए मुझे बेहद सम्मान और गर्व महसूस होता है.’
एक इंटरव्यू में प्रीति अडानी ने कहा था कि जब भी वह निराश होती हैं, गौतम अडानी उन्हें हौसला देते हैं और किसी भी समस्या से निकलने के लिए बेहतरीन आइडिया देते हैं. उन्होंने कहा था कि जब उन्हें ये एहसास हुआ कि डेंटिस्ट बनकर वह महज कुछ लोगों की ही सेवा कर पाएंगी लेकिन फाउंडेशन से जुड़कर वो लाखों लोगों की सेवा कर पाएंगी तो उन्होंने अपना करियर छोड़ दिया.
‘प्रीति जी ने अपना करियर छोड़ मुझे सपोर्ट किया’
इतने बड़े साम्राज्य को खड़ा करने में अडानी को अपनी पत्नी का बखूबी साथ मिला है. वो कहते हैं, ‘प्रीति जी मेरा आधा स्तंभ हैं और वो फैमिली, दो बच्चों, मेरी पोती, उनको भी संभाल रही हैं. वो फाउंडेशन (अडानी फाउंडेशन) का काम भी संभाल रही हैं और फिर वो एक डॉक्टर हैं. उन्होंने अपना डॉक्टरी का प्रोफेशन छोड़कर मुझे पूरा सपोर्ट किया. उन्होंने फैमिली को संभाला, बच्चों को बड़ा किया. और जब बच्चे बड़े हो गए तो फाउंडेशन की जिम्मेदारी संभाल ली.’
अपनी पत्नी की तारीफ करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘आज मुझे अंदर से संतुष्टि है कि प्रीति फाउंडेशन के लिए सबसे ज्यादा काम कर रही है. रोज का 7-8 घंटा देती है. प्रीति की निगरानी में फाउंडेशन का काफी विकास हुआ है.’
व्यस्तता के बीच भी पत्नी के लिए निकाल लेते हैं वक्त
गौतम अडानी ने बताया कि वह हफ्ते के तीन दिन अहमदाबाद से बाहर रहते हैं और जब चार दिन शहर में होते हैं तो देर से ऑफिस जाते हैं ताकि परिवार को समय दे पाएं. वह आगे बताते हैं, ‘मैं रात को ऑफिस से घर जाता हूं तो प्रीति के साथ रमी, कार्ड गेम खेलता हूं. 8-10 राउंड खेलता हूं और ज्यादा बार तो वही जीतती है.’
अडानी फाउंडेशन को आगे ले जाने में प्रीति अडानी का बड़ा हाथ
जब अडानी फाउंडेशन की स्थापना हुई थी, तब इसमें सिर्फ दो कर्मचारी थे. लेकिन आज फाउंडेशन की तरफ से दावा किया जाता है कि यह पूरे भारत में सालाना 32 लाख लोगों की मदद करता है. इसके विस्तार में प्रीति अडानी का बड़ा हाथ है.
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फाउंडेशन चार मुख्य क्षेत्रों में काम करता है: शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढांचे का विकास.
फाउंडेशन सम्भालने के अलावा और क्या करती हैं प्रीति?
प्रीति अपना अधिकतर समय फाउंडेशन को ही देती हैं. खाली समय में उन्हें किताबें पढ़ना और नई तकनीक के बारे में जानकारी हासिल करना पसंद है. वह कहती हैं कि स्टार्ट-अप्स उन्हें नए आइडिया और प्रेरणा देते हैं. प्रीति को गार्डेनिंग का भी काफी शौक है.