ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच कुछ ही दिनों में शुरू हो रही टेस्ट सीरीज से ठीक पहले विंडीज क्रिकेट से एक बुरी खबर आई है. वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज सर एवर्टन वीक्स के बेटे और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर डेविड मरे का निधन हो गया. मरे 72 साल के थे. मरे ने बारबडोस के अपने घर में अंतिम सांस ली. मरे 1970 के दशक में वेस्टइंडीज टीम का हिस्सा थे. क्रिकेट वेस्टइंडीज ने भी मरे के निधन पर शोक व्यक्त किया.
मरे ने 1973 में इंग्लैंड दौरे पर वनडे फॉर्मेट से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. इसके 5 साल बाद 1978 में उन्हें टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. डेविड मरे की पहचान एक बेहतरीन विकेटकीपर के रूप में थी, लेकिन बल्ले से वह खास असरदार नहीं थे. ऐसे में वह कभी भी विंडीज टीम में नियमित स्थान नहीं बना सके. उस वक्त डैरिक मरे और बाद में जैफ डुजॉन ने बल्लेबाजी में भी योगदान देते हुए अपनी जगह बनाए रखी.
हालांकि, डेविड मरे का करियर सिर्फ दो बेहतरीन विकेटकीपरों के कारण ही छोटा नहीं रहा, बल्कि खुद अपनी कई गलतियों के कारण भी मरे का करियर कभी उफान नहीं भर सका. सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने गांजे का सेवन शुरू कर दिया था, जो क्रिकेट करियर के दौरान भी जारी रहा. टेस्ट डेब्यू के बाद भारत दौरे पर वह मुंबई में होटल के वेटर के जरिए कई बार गांजा मंंगाते थे.
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धीरे-धीरे मरे का करियर लड़खड़ाने लगा और फिर 1983 में उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिसने मरे के करियर को पूरी तरह से खत्म कर दिया. विंडीज टीम में मौके न मिलने के कारण मरे ने बागी क्रिकेट में सहारा तलाशा. रंगभेदी नीतियों के कारण क्रिकेट समेत हर तरह के खेलों में साउथ अफ्रीका का वैश्विक बहिष्कार जारी था. इसके बावजूद मरे समेत कई खिलाड़ी मोटी रकम के लिए साउथ अफ्रीका गए. इस बगावत के लिए क्रिकेट वेस्टइंडीज ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया.