अंतिम गेंद तक चले रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को 4 रन से हरा दिया. इस मैच में आखिरी ओवर में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले. बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 150 रन बनाए थे. जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 147 रन बना पाई.
आखिरी ओवर में जिम्बाब्वे को जीत के लिए 16 रन की दरकार थी. मुकाबला आखिरी दो गेंद पर 5 रन तक पहुंच गया. लेकिन इसके बाद बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे के अगली दो गेंद पर विकेट लेकर मैच अपने नाम कर लिया. लेकिन अचानक एक फैसले ने करोड़ो बांग्लादेशी फैंस की सांसे रोक दी. अंपायर ने यह गेंद नो बॉल दे दी. जिसके बाद जिम्बाब्वे को एक जीवनदान मिल गया.
अंतिम ओवर का रोमांच
- आखिरी ओवर में जिम्बाब्वे को जीत के लिए 16 रन की जरूरत थी. यहां कई उतरा चढ़ाव दिखे.
- पहली गेंद -रेयान बर्ल ने लेग बाई का एक रन लिया, अब 5 गेंदों पर 15 रन
- दूसरी गेंद- मौसदेक हुसैन की गेंद पर ब्रैड इविन बोल्ड
- तीसरी गेंद- नगारावा के पैड से गेंद लगकर बांउड्री के बाहर 4 रन, अब 3 गेंद पर 11 रन
- चौथी गेंद- नगारावा का फ्लैट शॉट गेंद बांउ़़ड्री पार, 6 रन, 2 गेंदों पर 5 रन
- पांचवी गेंद- नगारावा स्टम्प आउट, अब 1 गेंदों पर 5 रन
- आखिरी गेंद- मुजरबानी बोल्ड हुए, लेकिन नो बॉल दी, अब 1 गेंद पर 4 रन
- आखिरी गेंद- कोई रन नहीं. बांग्लादेश 3 रन से जीता.
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आखिरी गेंद क्यों थी नो बॉल
आखिरी गेंद पर मुजरबानी क्रीज से बाहर जाकर खेल रहे थे. मोसद्देक की गेंद से वह कनेक्ट नहीं कर पाए. विकेटकीपर नुरुल हुसैन ने गेंद को पकड़ी लेकिन उन्होंने स्टंप्स के आगे से गेंद को पकड़ा. नियमों के मुताबिक विकेटकीपर गेंद को स्टंप्स के पीछे ही पकड़ेगा, अगर ऐसा न हो तो गेंद नो बॉल होती है. यही कारण है कि उस गेंद को नो बॉल करार दिया गया. स्टंप होकर लौट चुके मुजरबानी फिर क्रीज पर आए और आखिरी गेंद का सामना किया.