टी20 क्रिकेट को और भी रोचक बनाने के लिए BCCI एक नया नियम लागू करने जा रहा है. ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नामक इस नियम के तहत मैच में 11 नहीं बल्कि 15 खिलाड़ी खेलने के योग्य होगें. फिलहाल ये नियम घरेलू टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली में लागू किया जायेगा. अगर यहां प्रयोग सफल रहता है तो आईपीएल के अगले सत्रों में इसे आजमाया जायेगा.
क्या है ये नियम
इस नियम के अनुसार टीमें मैच के दौरान अपनी प्लेइंग इलेवन में अधिकतम एक बार बदलाव कर सकती है. जिससे टीमे अपनी जीत संभावनाएं बढ़ा सकती है. बीसीसीआई ने सभी राज्यों को एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें टी20 क्रिकेट को और अधिक मज़ेदार, रोचक और आकर्षक बनाने की बात कही है. मैच के दौरान टीमें रणनीति बना सके और परिस्थिति के अनुसार फैसले ले सके. इसलिए इस नियम चलते टीम 4 सब्सिट्यूट प्लेयर चुन सकती है. जिनमें से किसी एक को मैच के दौरान इस्तेमाल किया जा सकेगा.
जानिए ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के बारे में
- नियम के मुताबिक दोनो टीमें प्लेइंग इलेवन से अलग 4 प्लेयर बतौर सब्सिट्यूट चुन सकती हैं. इन प्लेयर के नाम टॉस से पहले बताने होंगे. इनमें से किसी एक को मैच के समय ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम के तहत प्लेइंग-11 में शामिल प्लेयर से रिप्लेस किया जा सकता है.
- ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ से जिस खिलाड़ी को रिप्लेस किया जायेगा वह दोबारा नहीं खेल सकेगा. ना ही फील्डिंग कर सकेगा. यहां तक की मैच में ब्रेक के टाइम भी प्लेयर का इस्तेमाल नहीं होगा.
- दोनो टीमों को ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ का इस्तेमाल पारी के 14 ओवर से पहले करना होगा. इसके बाद नियम का इस्तेमाल नहीं होगा.
इस नियम का फायदा
टीम को एक फायदा जरूर रहेगा. यदि ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के तौर पर किसी बॉलर को शामिल किया जाता है, तो वह अपने पूरे 4 ओवर गेंदबाजी ही करेगा. बाहर किए गए बॉलर ने कितने ओवर किए या नहीं किए, इसका उस का ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ पर असर नहीं पड़ेगा.
बिग बैश में भी एक ऐसा नियम
इस नियम के जैसे ही एक नियम प्रयोग बिग बैश लीग में भी होता है. जिसे एक्स-फैक्टर कहा जाता है. इस नियम में हर टीम पहली पारी के 10वें ओवर से पहले 12वें या 13वें खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बना सकती है. इस नियम के लिए जरूरी है कि उस खिलाड़ी ने बल्लेबाजी न की हो या फिर एक से अधिक ओवर न फेंका हो.
17 साल पहले आईसीसी ने लागू था सुपरसब
साल 2005 में आईसीसी एक ऐसा ही नियम इंटरनेशनल क्रिकेट में लागू कर चुकी है. जिस सुपर सब कहा गया. इस नियम के अनुसार टीमों को 12 खिलाड़ी को रखने की इजाजत थी. जिस नियम के अनुसार इस्तेमाल किया जा सकता था. लेकिन इसमें एक खामी थी. सुपर सब प्लेयर सिर्फ एक ही काम कर सकता था. यानी अगर उसे बतौर बल्लेबाज शामिल किया गया है तो वह सिर्फ बैटिंग कर सकता था और अगर गेंदबाज के विकल्प के रूप में आया है तो सिर्फ बोलिंग ही कर सकता था. उसे फील्डिंग की भी इजाजत नहीं थी. कुछ समय बाद इस नियम को समाप्त कर दिया गया.