पहले वनडे मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को 9 रन से हरा दिया. लखनऊ में खेले गए इस मैच में जीत के साथ ही मेहमान टीम ने सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है. डेविड मिलर और हेनरिक क्लासेन जहां मैच में टीम की जीत के हीरो रहे, वहीं टीम के स्पिनर तबरेज़ शम्सी के लिए ये मैच किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा.
इस मैच में साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 40 ओवर में 249 रन बनाए थे. जवाब में भारतीय टीम 240 रन ही बना सकी. अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 30 रन की दरकार थी. विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने इस ओवर में शुरूआती 3 गेंदों पर 15 रन बनाकर टीम की जीत की उम्मीद जिंदा कर दी थी. हांलकी आखिरी 3 गेंदों पर सिर्फ 5 रन बन सके. इस तरह से इस ओवर में 20 रन बने.
साउथ अफ्रीका भले ही इस मैच को 9 रन से जी गया हो लेकिन तबरेज़ शम्सी के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड जरूर दर्ज हो गया. वह वनडे क्रिकेट के 51 साल के इतिहास में वह सबसे ज्यादा रन देने वाले लेफ्टी स्पिनर बन गए हैं.
Most runs conceded by a left-arm wrist spinner in ODI innings:
89 – Tabraiz Shamsi 🇿🇦 v IND, today
84 – Kuldeep Yadav🇮🇳 v NZ, 2020
84 – Kuldeep Yadav🇮🇳 v ENG, 2021#INDvSA— Kausthub Gudipati (@kaustats) October 6, 2022
तबरेज़ शम्सी ने इस मैच में अपने कोटे के आठ ओवर्स में 89 रन लुटा दिए. इसके साथ ही वो एक वनडे मैच में सबसे ज्यादा रन लुटाने वाले बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर बन गए हैं. इससे पहले ये रिकॉर्ड भारत के भारत के कुलदीप यादव के नाम था. कुलदीप ने साल 2020 में न्यूजीलैंड और 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी बोलिंग के दौरान 84 रन खर्च किए थे. लेकिन शम्सी ने महज़ 8 ओवर की बोलिंग कर ये शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
इसके साथ वो एक मैच में 8 या उससे कम ओवर की बोलिंग कर सबसे ज्यादा रन लुटाने के मामले में चौथे नंबर पर आ गए हैं. इस मामले में शम्सी से आगे श्रीलंका के दिग्गज लासिथ मलिंगा, आयरलैंड के केविन ओ ब्रायन और पाकिस्तान के राना नावेद उल हसन हैं. मलिंगा ने साल 2012 में भारत के खिलाफ 96 रन खर्च किए थे. जबकि केविन ओ ब्रायन 95 और राना नावेद 92 रन दे चुके हैं.